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Hindi News भारत राष्ट्रीय मिजोरम के राज्यपाल ने Lockdown के दौरान लिखीं 13 किताबें

मिजोरम के राज्यपाल ने Lockdown के दौरान लिखीं 13 किताबें

मिजोरम के राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के समय को व्यर्थ नहीं जाने दिया बल्कि किताबें और कविताएं लिखकर राजभवन में अपने खाली वक्त का सदुपयोग किया।

मिजोरम के राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA मिजोरम के राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई

आइजोल: मिजोरम के राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के समय को व्यर्थ नहीं जाने दिया बल्कि किताबें और कविताएं लिखकर राजभवन में अपने खाली वक्त का सदुपयोग किया। उन्होंने मार्च से लेकर अब तक कम से कम 13 किताबें लिखीं जिनमें अंग्रेजी तथा मलयालम भाषाओं में लिखीं कविताओं का संग्रह भी शामिल है। पिल्लई ने कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन से उन्हें किताबें पढ़ने तथा लिखने के लिए और अधिक खाली वक्त मिला।

उन्होंने कहा, ‘‘राजभवन में किसी को आने की अनुमति नहीं थी। लोगों के साथ मेरा संवाद भी बंद था और मेरी सभी आगामी यात्राओं को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया। इसका मतलब पढ़ने और लिखने के लिए और अधिक वक्त मिला।’’ पिल्लई ने कहा कि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान आधिकारिक ड्यूटी के बाद अपना ज्यादातर समय पढ़ने और लिखने में बिताया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सुबह चार बजे उठ जाता और व्यायाम करने के बाद पढ़ना और लिखना शुरू कर देता।’’

राज्यपाल का मानना है कि नेताओं और जन कार्यकर्ताओं को लोगों को शिक्षित करने के लिए किताबें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। यह पूछने पर कि किताबें लिखने के लिए उनकी प्रेरणा का स्रोत क्या है, पर प्रख्यात वकील ने कहा कि वह बचपन से आम जनजीवन और ग्रामीण राजनीति में सक्रिय रहे हैं और वकालत करते हुए ग्रामीण जनता के साथ उनके घुलने-मिलने और बाद में नेता बनने ने उन्हें किताबें लिखने के लिए प्रेरित किया। पिल्लई के अनुसार कोरोना वायरस ने दुनिया पर बहुत ज्यादा असर डाला है लेकिन इसका सकारात्मक पक्ष भी है।

उन्होंने कहा कि इस वायरस ने मानवता को सिखाया कि हम एक-दूसरे पर कितने निर्भर हैं और इसने मनुष्यों के बीच प्यार बढ़ाया। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा उनकी कुछ किताबों का शनिवार को एक कार्यक्रम में विमोचन करेंगे। पिल्लई ने तीन दशक पहले लिखना शुरू किया था। उनकी पहली किताब 1983 में प्रकाशित हुई थी। राज्यपाल बनने से पहले तक उनकी 105 किताबें प्रकाशित हो चुकी। अभी तक उन्होंने अलग-अलग श्रेणी में कम से कम 121 किताबें लिखी हैं।

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