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Hindi News भारत राष्ट्रीय ऐसा ही होता रहा तो विधायकों को तख्ती लगानी होगी कि वह बिकाऊ हैं या नहीं: अधीर रंजन चौधरी

ऐसा ही होता रहा तो विधायकों को तख्ती लगानी होगी कि वह बिकाऊ हैं या नहीं: अधीर रंजन चौधरी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि कर्नाटक की सरकार अनैतिक है और ऐसा ही होता रहा तब विधायकों को तख्ती लगानी होगी कि वह बिकाऊ हैं कि नहीं।

Adhir ranjan Chowdhury- India TV Hindi Adhir ranjan Chowdhury (File Photo)

रायपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि कर्नाटक की सरकार अनैतिक है और ऐसा ही होता रहा तब विधायकों को तख्ती लगानी होगी कि वह बिकाउ हैं कि नहीं। चौधरी ने आज यहां स्वामी विवेकानंद विमानतल में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि सभी जानते हैं कि कर्नाटक में जो सरकार बनी है वह अनैतिक सरकार है और इस विषय को कांग्रेस ने संसद में उठाया भी है। 

कांग्रेस नेता ने कहा कि कर्नाटक में डराकर और लुभाकर सरकार बनाई गई है और फिर भी यह सरकार कब तक रहेगी यह पता नहीं है क्योंकि जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जाती है तब वहां दिल्ली से कोई बड़ा नेता शामिल नहीं होता है, इससे क्या साबित होता है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि उन्हें खुद भी यकीन नहीं है। 

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने सब मुख्यमंत्री येदियुरप्पा पर छोड़ दिया है, सरकार रहे या जाए यह उनके ऊपर ही है, यह जो नीति अपनाई जा रही है विधायकों को खरीदो और बेचो तथा सरकार बनाओ की, वह हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। चौधरी ने कहा कि आगे आने वाले समय में विधायकों को अपने सीने में एक लेबल लगाना होगा कि 'हम बिकने के लिए हैं या बिकने के लिए नहीं हैं।' 

उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को विधेयकों के संबंध में विपक्षी सदस्यों द्वारा लिखे गए पत्र को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि वह सदन में भी कहते हैं कि एक के बाद एक बिल पास होते जा रहे हैं, लेकिन संसद की परंपरा है कि विधेयकों के लिए स्टैंडिंग कमेटी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। लेकिन यह सरकार एक के बाद एक धड़ल्ले से विधेयक लाती है और पास कराती है। इसमें सही तरीके से छानबीन नहीं होने की संभावना रह जाती है। 

उन्होंने कहा कि यह गुंजाइश न हो इसलिए 1993 में स्टैंडिंग कमिटी बनायी गयी थी और इसलिए सरकार को चेतावनी दी गई है कि इस तरीके का काम न किया जाए क्योंकि ज्यादा से ज्यादा विधेयक स्टैंडिंग कमिटी से होकर आना चाहिए और यह परंपरा रही है, जब स्टैंडिंग कमेटी बनी है तब उसका इस्तेमाल करना चाहिए।

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