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Hindi News भारत राष्ट्रीय तनाव के बीच आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे करेंगे नेपाल की यात्रा, राष्ट्रपति देंगी नेपाली सेना के जनरल का मानद दर्जा

तनाव के बीच आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे करेंगे नेपाल की यात्रा, राष्ट्रपति देंगी नेपाली सेना के जनरल का मानद दर्जा

थलसेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे नवंबर में नेपाल की यात्रा करेंगे, जिस दौरान पड़ोसी देश उन्हें नेपाली सेना के मानद जनरल का दर्जा प्रदान करेगा। नेपाल द्वारा गत मई में नया राजनीतिक नक्शा जारी किए जाने से दोनों देशों के संबंधों में आए तनाव के बाद किसी उच्चस्तरीय व्यक्ति की यह पहली नेपाल यात्रा है।

Army Chief Gen MM Naravane to visit Nepal early next month- India TV Hindi Image Source : ANI Army Chief Gen MM Naravane to visit Nepal early next month

नयी दिल्ली: थलसेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे नवंबर के प्रथम सप्ताह में नेपाल की यात्रा करेंगे, जिस दौरान पड़ोसी देश उन्हें नेपाली सेना के मानद जनरल का दर्जा प्रदान करेगा। नेपाल द्वारा गत मई में नया राजनीतिक नक्शा जारी किए जाने से दोनों देशों के संबंधों में आए तनाव के बाद भारत से किसी उच्चस्तरीय व्यक्ति की यह पहली नेपाल यात्रा है। नेपाल ने इस नक्शे में उत्तराखंड के कई क्षेत्रों पर अपना दावा किया था। 

अधिकारियों ने बताया कि नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी नरवणे की यात्रा के दौरान उन्हें नेपाली सेना के जनरल का मानद रैंक प्रदान करेंगी। दोनों देशों की सेनाओं के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाने वाली यह परंपरा 1950 में शुरू हुई थी। इस परंपरा के तहत भारत भी नेपाली सेना के प्रमुख को भारतीय सेना के जनरल का मानद रैंक प्रदान करता है। 

यात्रा के संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सेना प्रमुख अगले महीने के शुरू में नेपाल की यात्रा करेंगे। उनकी यात्रा की तारीखों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।’’ अधिकारियों ने कहा कि इस दौरान जनरल नरवणे अपने नेपाली समकक्ष जनरल पूर्ण चंद्र थापा सहित शीर्ष सैन्य अधिकारियों तथा नेपाली रक्षा मंत्री ईश्वर पोखरेल के साथ गहन चर्चा करेंगे। 

इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘सेना प्रमुख की काठमांडू यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा होगी।’’ दोनों देशों के बीच उस समय तनाव उत्पन्न हो गया था जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गत आठ मई को उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे को धारचूला से जोड़ने वाली रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया था। 

नेपाल ने सड़क के उद्घाटन का विरोध करते हुए इस क्षेत्र पर अपना दावा किया था। इसके कुछ दिन बाद नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी कर लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने क्षेत्र के रूप में दर्शाया था। विवाद के बीच जनरल नरवणे ने चीन की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि इस बात को मानने के कारण हैं कि नेपाल ने किसी और के इशारे पर सड़क के उद्घाटन का विरोध किया है। इसपर नेपाल ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

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