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Hindi News भारत राष्ट्रीय बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त, मुकुंद नरवाणे ने संभाला सेना प्रमुख का पद

बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त, मुकुंद नरवाणे ने संभाला सेना प्रमुख का पद

सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को सोमवार को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया। सीडीएस का काम सेना, नौसेना और वायुसेना के कामकाज में बेहतर तालमेल लाना होगा।

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नयी दिल्ली: सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को सोमवार को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया। सीडीएस का काम सेना, नौसेना और वायुसेना के कामकाज में बेहतर तालमेल लाना होगा। सरकारी आदेश के मुताबिक सीडीएस के पद पर जनरल रावत की नियुक्ति 31 दिसंबर से प्रभावी होगी। जनरल रावत ने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद संभाला था। वह मंगलवार को सेवानिवृत्त हो रहे थे। सेना प्रमुख बनने से पहले उन्होंने पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा, चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा और पूर्वोत्तर में विभिन्न संचालनात्मक जिम्मेदारियां संभाल चुके थे। सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले मंगलवार को सीडीएस का पद बनाए जाने को मंजूरी दी थी जो तीनों सेनाओं से जुड़े सभी मामलों में रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार के तौर पर काम करेगा।

मनोज मुकुंद नरवाणे मंगलवार को सेना प्रमुख का पद संभालेंगे

जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे अब देश के नए थलसेना प्रमुख बन गए हैं। उन्होंने मंगलवार सुबह अपना कार्यभार संभाल लिया है। जनरल नरवाणे ने जनरल बिपिन रावत का स्थान लिया है जो तीन वर्ष तक सेना प्रमुख रहने के बाद सोमवार को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किये गये। जनरल नरवाणे फिलहाल सेना उप प्रमुख थे। जनरल नरवाणे सितम्बर में सेना उप प्रमुख बनने से पहले सेना के ईस्टर्न कमान के प्रमुख थे, जो चीन के साथ लगती करीब चार हजार किलोमीटर लंबी सीमा की देखभाल करती है। अपने 37 वर्षों के सेवा काल में जनरल नरवाणे जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। 

उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन का कमान संभाला और पूर्वी मोर्चे पर इन्फैंटरी ब्रिगेड का नेतृत्व किया। वह श्रीलंका में भारतीय शांति रक्षक बल का हिस्सा थे और तीन वर्षों तक म्यामां स्थित भारतीय दूतावास में रक्षा अताशे रहे। जनरल नरवाणे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के छात्र रहे हैं। वह जून 1980 में सिख लाइट इन्फैंटरी रेजिमेंट के सातवें बटालियन में कमीशन प्राप्त हुए।

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