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Hindi News भारत राष्ट्रीय कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिया ममता सरकार को झटका, रात 12 बजे तक हो सकेगा मूर्ति विसर्जन

कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिया ममता सरकार को झटका, रात 12 बजे तक हो सकेगा मूर्ति विसर्जन

ममता ने दुर्गा विसर्जन को लेकर आदेश जारी किया जिसके मुताबिक़ पश्चिम बंगाल में मुहर्रम के जुलूसों के दौरान दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन नहीं किया जा सकेगा। विजय दशमी के दिन शाम 6 बजे तक ही मूर्ति विसर्जन किए जाएंगे क्योंकि उसके बाद मुहर्रम के जुलूस निक

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नई दिल्ली: कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता सरकार को झटका देते हुए मुहर्रम के बाद दुर्गा प्रतिमा विसर्जन कराने के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाने से पहले गुरुवार को कहा कि सरकार लोगों की आस्था में दखल नहीं दे सकती है। मुहर्रम के दिन प्रतिमा विसर्जन पर ममता सरकार की पाबंदी के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। बुधवार को इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस आदेश को लेकर ममता सरकार पर तीखी टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि सरकार दो समुदायों के बीच दरार पैदा करना चाहती थी। दरअसल पिछले महीने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक आदेश के बाद सियासी दंगल छिड़ गया था। ये भी पढ़ें: ‘तीन दिन बाद यानी 23 सितम्बर को धरती से टकराएगा ग्रह, वो होगा विनाश का दिन’

ममता ने दुर्गा विसर्जन को लेकर आदेश जारी किया जिसके मुताबिक़ पश्चिम बंगाल में मुहर्रम के जुलूसों के दौरान दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन नहीं किया जा सकेगा। विजय दशमी के दिन शाम 6 बजे तक ही मूर्ति विसर्जन किए जाएंगे क्योंकि उसके बाद मुहर्रम के जुलूस निकलेंगे। ममता सरकार के इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल की गई थी जिसपर सुनवाई पूरी हो चुकी है और आज फैसला आना है।

विसर्जन पर रोक

-30 सितंबर की शाम 6 बजे से 1 अक्टूबर तक मूर्ति विसर्जन पर रोक
-1 अक्टूबर को शहर में मुहर्रम का जुलूस निकलता है
-मुहर्रम के जुलूस के दौरान दुर्गा की मूर्ति के विसर्जन पर रोक
-विसर्जन पर पाबंदी के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में 3 याचिका
-सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ममता सरकार पर सख्त टिप्पणी की
-हिंदू-मुस्लिम को साथ साथ रहने दें- कलकत्ता हाईकोर्ट
-लोगों पर अपनी सोच न थोपे ममता सरकार- हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट के जज ने कल कहा था कि दुर्गा पूजा और मुहर्रम को लेकर पश्चिम बंगाल में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। लगता है सरकार ही दरार पैदा कर रही है। सभी समुदाय को साथ रहने दीजिए। बिना किसी ठोस कारण के सरकार अपनी सोच नहीं थोप सकती। राज्य सरकार खुद कहती हैं कि बंगाल ही एक ऐसा प्रदेश है जहां हिंदू और मुस्लिम शांति से साथ रहते हैं, और अब सरकार ही कह रही है कि कुछ भी हो सकता है, ये दुर्भाग्यपूर्ण हैं। आप किसी भी धर्म के बुनियादी अधिकार कैसे छीन सकते हैं, चाहे वो हिंदू हो या फिर मुस्लिम।

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