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चाणक्य नीति: गलत समय में पानी पीना विष के समान

नई दिल्ली: कहा जाता है कि पानी अमृत के समान होता है अगर कोई व्यक्ति प्यासा मर रहा हो और उसे दो बूंद भी पानी मिल जाए तो वो फिर से जी उठेगा। लेकिन कुछ

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नई दिल्ली: कहा जाता है कि पानी अमृत के समान होता है अगर कोई व्यक्ति प्यासा मर रहा हो और उसे दो बूंद भी पानी मिल जाए तो वो फिर से जी उठेगा। लेकिन कुछ परिस्थितियों में पानी पीने से यह विष के समान हो जाता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि गलत समय में पानी पीना हमारें शरीर के लिए कितना हानिकारक है।  

भोजन के बाद पानी पीना खतरनाक
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में बताया कि भोजन के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए बल्कि तब तक नही पीने चाहिए जब तब कि खाना पच ना जाए। अगर ऐसा न किया तो यह आपके स्वास्थ के लिए नुकसानदायक हो सकता है। क्योकि पानी पीने से पाचन तंत्र को भोजन पचाने में परेशानी होगी जिसके कारण शरीर को उचित मात्रा में ऊर्जा नही मिलेगी। जिससे व्यक्ति को अपच की स्थिति में पेट संबंधी रोग होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। यदि हम चाहे तो भोजन के बीच-बीच में थोड़ा-थोड़ा पानी पी सकते हैं, लेकिन अधिक पानी पीना नुकसानदायक हो सकता है।

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