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Hindi News भारत राष्ट्रीय उत्तराखंड के मंत्री सतपाल महाराज ने चीनी राष्ट्रपति को रामायण भेज कर किया आगाह

उत्तराखंड के मंत्री सतपाल महाराज ने चीनी राष्ट्रपति को रामायण भेज कर किया आगाह

सतपाल महाराज ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग को प्राचीन ग्रंथ रामायण भेजकर संदेश देना चाहते हैं कि दशानन रावण की विस्तारवादी सोच के परिणाम स्वरूप ही उसका कैसा हश्र हुआ था। 

Chinese President Xi Jingping- India TV Hindi Image Source : PTI Chinese President Xi Jingping

देहरादून. उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को प्राचीन ग्रन्थ रामायण भेजकर उन्हें रावण की विस्तारवादी सोच से हुए नुकसान से सबक लेने को कहा है। उन्होंने कहा कि गलवान घाटी में जिस प्रकार से चीन के सैनिकों ने अपनी विस्तारवादी सोच के चलते निहत्थे भारतीय जवानों पर हमला किया वो बहुत ही निंदनीय है।

सतपाल महाराज ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग को प्राचीन ग्रंथ रामायण भेजकर संदेश देना चाहते हैं कि दशानन रावण की विस्तारवादी सोच के परिणाम स्वरूप ही उसका कैसा हश्र हुआ था। उन्होंने कहा कि वह चीन के राष्ट्रपति को बताना चाहते हैं कि विस्तारवादी व्यक्ति अथवा देश कभी पनपते नहीं हैं। कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि वह आशा करते हैं कि चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग रामायण से शिक्षा लेकर रावण की विस्तारवादी सोच से हुए उसके पतन से कुछ सबक लेंगे।

उन्होंने कहा कि रामायण में बताया गया है कि जो व्यक्ति विस्तारवाद की बात करता है उसका अंत कैसे होता है। उन्होंने कहा कि मेरा चीन को यह भी संदेश है कि वह चीन की जनता का जो भारी भरकम पैसा अपनी सैनिक शक्ति बढ़ाने पर खर्च कर रहा है। उसे उस बीमारी की रोकथाम पर खर्च करे जिससे आज पूरी दुनिया त्रस्त है। उन्होंने कहा कि भारत की कभी भी विस्तारवादी सोच नहीं रही है। भारत ने बांग्लादेश को जीतने के बावजूद उस पर अपना अधिकार छोड़ दिया। जबकि चीन का रवैया प्रारम्भ से ही विस्तारवादी रहा है।

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