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Hindi News भारत राष्ट्रीय CM चंद्रबाबू नायडू ने सावरकर की पुण्यतिथी पर श्रद्धांजलि का ट्वीट किया डिलीट, यूजर्स ने पूछा- क्या दबाव था

CM चंद्रबाबू नायडू ने सावरकर की पुण्यतिथी पर श्रद्धांजलि का ट्वीट किया डिलीट, यूजर्स ने पूछा- क्या दबाव था

क्रांतिकारी सावरकर आजादी के आंदोलन के बड़े नेता माने जाते हैं उन्हें हिन्दुत्व आइकन के तौर पर देखा जाता है साथ ही उन पर गांधीजी की हत्या में शामिल होने के भी आरोप लगते रहते हैं।

सावरकर की गिनती आजादी...- India TV Hindi सावरकर की गिनती आजादी के बड़े नेता के तौर पर होती है।

आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू का एक ट्वीट डिलीट करना सोशल मीडिया में सवालों के घेरे में आ गया है। चंद्रबाबू ने नायडू ने सोमवार 26 फरवरी को सुबह 7 बजे क्रांतिकारी और हिन्दुत्व आइकन स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर की पुण्यतिथी पर उन्हें श्रद्धांजलि  अर्पित करते हुए एक ट्वीट किया लेकिन कुछ समय बाद ही अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। उनका इस तरह ट्वीट करना ट्वीटर यूजर्स को अखर रहा है। कई लोगों का मानना है कि ऐसा नायडू ने किसी दबाव में किया है। चंद्रबाबू नायडू तेलगुदशम पार्टी के नेता है जो केंद्र की एनडीए सरकार में शामिल है। सावरकर को विवादित नेता माना जाता है। उन्हें हिन्दुत्व की विचारधारा देने वाला माना जाता है। ऐसे में कई राजनीतिक दल उनसे दूरी बनाकर रखते हैं और कई मौकों पर उनकी सार्वजनिक रूप से आलोचना भी करते दिखाई देते हैं।

ऐसे में कई लोगों को मत है कि नायडू ने किसी दबाव में आकर ऐसा किया है। वैसे बीजेपी मंत्रियों की बात करें तो सावरकर की पुण्यतिथी पर बीजेपी के लगभग हर मंत्री ने ट्वीटर पर ट्वीट करके उन्हें नमन किया। 1883 में महाराष्ट्र में जन्में सावरकर को क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल होने के कारण दो जन्म के कारावास की सजा हुई थी। जिसके बाद करीब एक दशक का समय उन्होंने काला पानी में बिताया। इसके अलावा विभाजन के समय वो  हिन्दू महासभा के नेता भी रहे जो उस समय कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बाद तीसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी थी। उन पर गांधीजी की हत्या में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था हालांकि बाद में कोर्ट ने सावरकर को निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया था। उनका देहांत साल 1966 में मुंबई में हुआ था।

 

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