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Hindi News भारत राष्ट्रीय सामाजिक दूरी बनाने की अजीब घटना, बंगाल में अपने गांव लौटे प्रवासी मजदूर पेड़ों पर रहने को मजबूर

सामाजिक दूरी बनाने की अजीब घटना, बंगाल में अपने गांव लौटे प्रवासी मजदूर पेड़ों पर रहने को मजबूर

कोरोना वायरस के प्रकोप और सामाजिक दूरी के बारे में मीडिया के अभियान को गंभीरता से लेते हुए ग्रामीणों ने प्रवासी मजदूरों को पृथक रहने के दौरान पेड़ों को अपना घर बनाने के लिए कहा।

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कोलकाता: कोरोना वायरस को रोकने के लिए देशभर में लगे लॉकडाउन के बीच सामाजिक दूरी बनाने की एक अजीब घटना सामने आई है। दरसअसल यह वाकया है पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले का, जहां के बलरामपुर गांव में घर लौटे सात प्रवासी मजदूरों के परिवारों और ग्रामीणों ने उनसे पृथक रहने का अनुरोध करते हुए उन्हें फिलहाल पेड़ पर शरण लेने के लिए कहा है।

कोरोना वायरस के प्रकोप और सामाजिक दूरी के बारे में मीडिया के अभियान को गंभीरता से लेते हुए ग्रामीणों ने इन लोगों को पृथक रहने के दौरान पेड़ों को अपना घर बनाने के लिए कहा। स्थानीय विधायक शांतिराम महतो के अनुसार, मजदूर पिछले शुक्रवार को लौटे हैं और कोविड-19 को लेकर एहतियात के तौर पर उन्हें 14 दिनों के लिए पृथक रहने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए उनके घरों में पर्याप्त जगह नहीं थी, इसलिए यह निर्णय लिया गया कि इस अवधि में वे पेड़ों पर रहेंगे।’’

खाटों की व्यवस्था की गई, जिसे पेड़ की शाखाओं से बांधा गया और उन्हें बारिश से बचाने के लिए प्लास्टिक के तिरपाल उनके ऊपर लगाई गई। स्थानीय पंचायत के एक सदस्य ने कहा कि गाँव के बाहर उनके लिए एक अलग जगह निर्धारित की गई है जहां वे स्नान कर सकते हैं, कपड़ा साफ कर सकते हैं। बिजॉय सिंह लाहा, जिसका भाई भी उन प्रवासी लोगों में शामिल है, ने कहा कि वे भोजन करने और अन्य दैनिक क्रियाएं करने के लिए रोजाना तीन बार पेड़ों से नीचे उतरते हैं। हमने उन्हें कंबल और कपड़े दिए हैं।

उन्होंने कहा कि चेन्नई से लौटे इन सात लोगों को डॉक्टरों ने उन्हें 14 दिनों तक घर में पृथक रहने और सामाजिक दूरी के नियम का पालन करने की सलाह दी थी। चूंकि उनके घरों में कुछ ही कमरे थे, इसलिए ग्रामीणों ने यह विचार किया कि उन्हें पेड़ों पर शरण ले लेना चाहिए। हालांकि, जैसे ही सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें और वीडियो वायरल हुए, स्थानीय प्रशासन ने तुरंत कदम उठाया और उन्हें शनिवार को एक पृथक इकाई में स्थानांतरित कर दिया।

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