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Coronavirus: पीएम मोदी की बात मानें, Lockdown का पालन करें, शहर न छोड़ें- केजरीवाल

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को लोगों से पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित किए गए लॉक डाउन का पालन करने की अपील की। उन्होंने प्रेस वार्ता कर कहा कि हम लोगों के लिए इंतजाम कर रहे हैं हैं।

coronavirus update kejriwal asks people to follow lockdown । Coronavirus: पीएम मोदी की बात मानें, Lo- India TV Hindi Image Source : PTI Migrants board buses to their native village, during a nationwide lockdown imposed in the wake of coronavirus pandemic, at Ghazipur Delhi - UP border, Ghaziabad.

नई दिल्ली. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को लोगों से पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित किए गए लॉक डाउन का पालन करने की अपील की। उन्होंने प्रेस वार्ता कर कहा कि हम लोगों के लिए इंतजाम कर रहे हैं हैं। लोगों से अपील है कि वो पीएम मोदी की बात मानें और जहां हैं, वहीं रहें।

प्रेस वार्ता में अरविंद केजरीवाल ने कहा, "आज 568 स्कूलों में खाना खिलाने का इंतज़ाम शुरू हो गया है, 238 नाइट शेल्टर में खाना खिलाया जा रहा है। आज 4 लाख लोगों को खाना खिलाने का पहला दिन था। आज से दिल्ली की 1000 दुकानों के अंदर राशन बंटना शुरू हो गया है। 71 लाख लोगों को साढ़े सात किलो राशन प्रति व्यक्ति फ्री दिया जाएगा।"

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दिल्ली के मंत्री ने सड़कों पर उतरकर प्रवासी श्रमिकों से शहर नहीं छोड़ने का आग्रह किया

दिल्ली के मंत्री राजेंद्रपाल गौतम ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में सड़कों पर उतरकर लॉकडाउन से प्रभावित प्रवासी मजदूरों से शहर नहीं छोड़ने का आग्रह किया। सामाजिक न्याय मंत्री दोपहर करीब 12:30 बजे आनंद विहार इलाके में पहुंचे और अपनी कार में लगे माइक की मदद से प्रवासी मजदूरों व दिहाड़ी श्रमिकों को संबोधित किया, जो आमतौर पर आजीविका की तलाश में दिल्ली आते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुझे यहां भेजा है। मैं आपसे अपील करता हूं कि कृपया दिल्ली न छोड़ें, कृपया अपने स्थानों पर लौट जाएं।’’ मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने उनके लिए आश्रय और मुफ्त भोजन देने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा, ‘‘आपको पास के स्कूलों में मुफ्त भोजन दिया जाएगा। जिनके पास रहने की जगह नहीं है, वे रैन बसेरों में रह सकते हैं।’’

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू 21 दिनों के लॉकडाउन के चलते मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है, जिससे उन्हें अपना गुजारा करने में मुश्किल हो रही है। इस वजह से विभिन्न राज्यों के हजारों प्रवासी मजदूर घर वापस जाने लगे हैं। सार्वजनिक परिवहन बंद होने से वे लोग पैदल ही अपने गांव की ओर निकलने लगे हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में लगभग 15 लाख प्रवासी दिहाड़ी मजदूर हैं। 

इनपुट- भाषा

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