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Hindi News भारत राष्ट्रीय खतरा: 'चक्रवात फनि' की जद में ओडिशा के 10 हजार गांव और 50 शहर

खतरा: 'चक्रवात फनि' की जद में ओडिशा के 10 हजार गांव और 50 शहर

तूफान ‘फनि’ की वजह से ओडिशा के अनुमानित तौर पर 10,000 गांव और 52 शहर प्रभावित होंगे। यह चक्रवात भारत के पूर्वी तट की ओर बढ़ रहा है

Fani Cyclone- India TV Hindi Image Source : PTI Fani Cyclone

नयी दिल्ली: अत्यंत प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘फनि’ की वजह से ओडिशा के अनुमानित तौर पर 10,000 गांव और 52 शहर प्रभावित होंगे। यह चक्रवात भारत के पूर्वी तट की ओर बढ़ रहा है और शुक्रवार को इसके दक्षिण पुरी से टकराने का अंदेशा है। कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा की अध्यक्षता में एनसीएमी की बैठक के बाद गृह मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि ओडिशा सरकार ने राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) को बृहस्पतिवार को जानकारी दी कि 10,000 गांव और 52 शहर एवं कस्बे इस तूफान से प्रभावित होंगे। 

ओडिशा सरकार द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का कार्य पहले से ही किया जा रहा है। सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जा रहे लोगों के रहने के लिए लगभग 900 तूफान आश्रय स्थल पहले ही तैयार कर लिए गए हैं। इस चक्रवात से गंजाम, गजपति, खुर्दा, पुरी एवं जगतसिंहपुर, केन्द्रपाड़ा, भद्रक, जाजपुर एवं बालासोर सहित ओडिशा के कई तटीय जिलों के काफी प्रभावित होने का अंदेशा है। इसी तरह पश्चिम बंगाल के पूर्वी एवं पश्चिमी मेदिनीपुर, दक्षिणी एवं उत्तरी 24 परगना, हावड़ा, हुगली, झारग्राम एवं कोलकाता जिलों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तनम जिलों के भी इस तूफान से प्रभावित होने की आशंका है। 

भारतीय मौसम विभाग ने आगाह करते हुए कहा कि लगभग 1.5 मीटर ऊंची तूफानी लहर उत्पन्न होने की प्रबल आशंका है, जिससे तटीय क्षेत्र से तूफान के टकराने के समय ओडिशा के गंजाम, खुर्दा, पुरी और जगतसिंहपुर जिलों के निचले तटीय क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है। बयान में कहा गया है कि लोगों को जन संबोधन प्रणाली, एसएमएस और स्थानीय मीडिया के जरिए चक्रवात से अवगत कराने के इंतजाम किए गए हैं। एनडीआरएफ और ओडीआरएफ की टीमों को लगाया गया है। 

एनसीएमसी की बैठक के दौरान कैबिनेट सचिव ने चक्रवाती तूफान से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की। कैबिनेट सचिव ने राज्यों एवं केन्द्र की विभिन्न एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि असुरक्षित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों एवं तूफान संबंधी आश्रय स्थलों पर पहुंचाया जाए और आवश्यक खाद्य पदार्थों, पेयजल एवं दवाओं का इंतजाम किया जाए। 

कैबिनेट सचिव ने आम जनता के लिए एक केन्द्रीय टोल फ्री हेल्पलाइन शुरू करने का निर्देश दिया है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्रालयों से नियंत्रण कक्ष स्थापित करने को कहा है, ताकि राहत एवं बचाव कार्यों में समुचित समन्वय स्थापित किया जा सके। भारतीय तट रक्षक बल और भारतीय नौसेना ने राहत एवं बचाव कार्य के लिए पोतों तथा हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है जबकि भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना को तीन राज्यों में तैयार रहने को कहा गया है। 

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