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Hindi News भारत राष्ट्रीय ऑनलाइन गेमिंग की लत के ख़तरों से आगाह करता है शकील अख्तर का नाटक ‘ब्लू व्हेल’

ऑनलाइन गेमिंग की लत के ख़तरों से आगाह करता है शकील अख्तर का नाटक ‘ब्लू व्हेल’

इंटरनेट की दुनिया में ऑनलाइन गेमिंग की लत आज एक ऐसा खौफनाक सच बन चुकी है जिसकी वजह से दुनिया भर में कई बच्चे और नौजवान अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं...

Blue whale drama- India TV Hindi Image Source : छायाकार: दीपक कुमार, NSD Blue whale drama

नई दिल्ली: इंटरनेट की दुनिया में ऑनलाइन गेमिंग की लत आज एक ऐसा खौफनाक सच बन चुकी है जिसकी वजह से दुनिया भर में कई बच्चे और नौजवान अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं। ऑन लाइन गेमिंग की लत ख़तरनाक हो सकती है इसमें टास्क पूरा करने की ज़िद आपकी जान भी ले सकती है। एंड्रॉयड मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे बच्चे कहीं खतरों का खेल तो नहीं खेल रहे?  इसी थीम पर आधारित नाटक- ‘ब्लू व्हेल,एक ख़तरनाक खेल’ का बच्चों द्वारा नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) दिल्ली में मंचन किया गया।

वरिष्ठ पत्रकार, लेखक शकील अख़्तर द्वारा लिखे इस नाटक का निर्देशन बाल रंगमंच के मशहूर निर्देशक हफीज़ खान ने किया। एनएसडी के चिल्ड्रन थियेटर वर्कशॉप के तहत खेले गए इस नाटक में 23 बाल कलाकारों ने हिस्सा लिया। इसकी कोरियोग्राफी कैलाश चौहान ने और सह निर्देशन सुनील शर्मा ने किया। संगीत भूपेंद्र देवकोटा (एसडी) ने दिया। मंच सज्जा कलीम जाफर और कमल कुमार की थी। ध्वनि और प्रकाश का संयोजन राघव प्रकाश मिश्रा और नितिन कुमार ने किया था।

Image Source : छायाकार: दीपक कुमार, NSDBlue whale drama

शो में शामिल हुई देश की एकमात्र महिला दास्तानगो फौज़िया

इस नाटक के प्रदर्शन के दौरान देश की एकमात्र महिला दास्तानगो फौज़िया और सुपरिचित कवि, लेखक अपूर्व शिन्दे विशेष रूप में से मौजूद थे। उन्होंने नाटक की प्रशंसा की और कलाकारों को थिएटर वर्कशॉप संबंधी सर्टिफिकेट प्रदान किए। इस नाटक में एनएसडी के रजिस्ट्रार प्रदीप के मोहन्ती, वरिष्ठ निर्देशक अखिलेश खन्ना, वेबपोर्टल हमरंग.कॉम के एडिटर और कहानीकार हनीफ़ मदार, दिल्ली के वरिष्ठ रंगकर्मी और दास्तानगोई के 100 से ज़्यादा शोज़ करने वाले मनोज सिकंदर धींगड़ा, लेखक और साइबर क्राइम एक्सपर्ट विवेक अग्रवाल और सीनियर जर्नलिस्ट,लेखक पं.मुस्तफ़ा आरिफ ने भी उपस्थिति दर्ज की। इस नाटक को देखने दिल्ली रंगमंच के कलाकारों के साथ ही कई स्कूलों के बच्चे भी पहुंचे।

Image Source : छायाकार: दीपक कुमार, NSDBlue whale drama

क्या है नाटक की कहानी?

इस नाटक की कहानी एक स्कूल में साथ-साथ पढ़ने वाले बच्चों अमाना (अहाना चंदेल) और करण (सिंद्धात शर्मा) जैसे किरदारों को लेकर है। अमाना और करण दोनों दोस्त हैं और दोनों के पास एंड्रॉयड मोबाइल है। दोनों ऑनलाइन गेमिंग के शौकीन हैं लेकिन वो इस गेम के डेअरिंग टास्क को पूरा करने के खेल में अपनी जान गवां बैठते हैं। ब्लू व्हेल खेल रहा करण तो आख़िर तक यही कहता है– या तो विनर बनो या दुनिया को छोड़ दो

Image Source : छायाकार: दीपक कुमार, NSDBlue whale drama

बता दें कि इस नाटक में सिर्फ बिगड़ैल बच्चों के किरदार भर नहीं है, इनमें अनुपम, सुयश और सना (अनुपम गुप्ता,रूद्र प्रताप, एतव्या) जैसे समझदार बच्चे भी हैं, जो मोबाइल, एप्स, ऑन लाइन गेम्स के साथ ही टेक्नोलॉजी के सुरक्षित उपयोग के बारे में जानते हैं। वो साइबर क्राइम के खतरों से स्कूल के दूसरे बच्चों को बचाने के लिए चुपचाप एक मिशन की तरह काम करते रहते हैं।

ऐसे तैयार हुआ नाटक  ब्लू व्हेल?

मीडिया में आए दिन इस ऑनलाइन गेम ‘ब्लू व्हेल’ की वजह से बच्चों और नौजवानों के सुसाइड की खबरें आ रही हैं। कुछ मामलों में बच्चों के हाथ पर ब्लेड से हाथ पर बने ‘ब्लू व्हेल’ के निशान मिले हैं। माना जा रहा है देश में अब तक 13 बच्चे इस गेम की वजह से सुसाइड कर चुके हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान इसे नेशनल प्रॉब्लम बताया था। केंद्र और राज्य सरकारें भी इस मामले में ज़रूरी कदम उठा रही हैं। इन हालात में ऐसे कार्यक्रम की ज़रूरत महसूस हो रही थी जो बच्चों को इस तरह के खेलों से सुरक्षित रख सकें। इसी बात के मद्देनज़र चिल्ड्रन थियेटर वर्कशॉप की निर्देशन टीम ने बच्चों के साथ मिलकर यह नाटक तैयार किया।

Image Source : छायाकार: दीपक कुमार, NSDBlue whale drama

मनोरंजन के साथ शिक्षा इस नाटक की बड़ी खूबी

इस नाटक में 8 साल से लेकर 14 साल की उम्र के बच्चे अलग-अलग भूमिकाओं में नज़र आते हैं और इसे दिलचस्प बनाए रखने के लिए निर्देशक टीम ने बेहद संतुलित तरीके से काम किया। यह नाटक एंटरटेनमेंट के साथ ज़रूरी संदेश देने में कामयाब रहा। इसे देखते समय दर्शक रोते, हंसते और ताली बजाते दिखे। वे बच्चों के अभिनय से प्रभावित भी हुए।

नाटक में इन बच्चों ने किया सराहनीय काम- अहाना चंदेल, सिद्धांत शर्मा, अनुपम गुप्ता, रूद्र प्रताप और एतव्या, दक्ष आज़ाद, इशिका पांडे, नरेन दत्ता, पूजा रजक, प्रियांशा आज़ाद, कृष सैनी, सिमर सग्गु, मुखी चक्रवर्ती, गार्गी सैनी, चहक राना, ऐशना त्रिवेदी, आरूषि सचान, छवि शर्मा, शगुन सिंह, आयुष कुमार, प्रथम खन्ना, आयुष्मान झा, अद्विक तनेजा और सोह्म गोयल।

इस नाटक के निर्देशक हफीज़ ख़ान बच्चों के रंगमंच के लिए 30 सालों से काम कर रहे हैं। वे बच्चों की कोई 150 वर्कशॉप कर चुके हैं। उन्होंने कहा, हमने कम्फरटेबल ज़ोन से हटकर एक नए नाटक की रचना करने का प्रयास किया। नाटक का विषय बेहद प्रासंगिक है। अब इसके दूसरे शहरों में प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। एसोसिएट डायरेक्टर कैलाश चौहान और सुनील शर्मा ने कहा, यह नाटक आम बच्चों की ज़िदंगी का आईना है। आज बच्चे घर और स्कूल में जैसा व्यवहार करते हैं, बोलते हैं, गलतियां करते हैं वही सबकुछ इसमें है। इसलिए इस नाटक को देखते समय दर्शक पहले सीन से जु़ड़ जाते हैं।  ‘ब्लू व्हेल’ शकील अख़्तर का लिखा तीसरा नाटक है। इससे पहले वो निर्देशक हफीज़ ख़ान के साथ नाटक 'हेलो शेक्सपियर' लिख चुके हैं।

Image Source : चित्र: मोनिका डाबरdrama on online gaming

'अगर बच्चे सुरक्षित हैं, तो देश का भविष्य सुरक्षित है'

अख्तर कहते हैं- 'ब्लू व्हेल' की स्क्रिप्ट पर काम करते हुए मुझे इसलिए अच्छा लगा क्योंकि इस विषय के लिए बच्चे पहले से तैयार थे और वो खुद इसके बारे में सोच रहे थे इसलिए ड्रामा बनता चला गया। मुझे इस नाटक को लिखने को लेकर इसलिए भी खुशी है क्योंकि यह नाटक आज की ज़रूरत है। अगर बच्चे सुरक्षित हैं, तो देश का भविष्य सुरक्षित है। शकील अख़्तर इंडिया टीवी में बतौर सीनियर एडिटर सेवारत हैं लेकिन थिएटर से जुड़े कलाकार होने की वजह से वे रंगमंच के लिए लिखते रहते हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश के कलाकारों के लिए एक प्रमोशनल वेबपोर्टल, इंदौर स्टुडियो.कॉम की संस्थापना भी की है।

रिपोर्ट इनपुट: इंदू गर्ग, छायाचित्र: दीपक कुमार, एनएसडी और मोनिका डॉवर, दिल्ली।

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