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Hindi News भारत राष्ट्रीय चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने दिया इस्तीफा, एडीबी बैंक में संभालेंगे उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी

चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने दिया इस्तीफा, एडीबी बैंक में संभालेंगे उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी

चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने आज मंगलवार (18 अगस्त) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। लवासा अगले महीने फिलीपींस स्थित एशियाई विकास बैंक (एडीबी) में उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालेंगे।

Eection commissioner ashok lavasa resigns will join as vice president in ADB- India TV Hindi Image Source : PTI Eection commissioner ashok lavasa resigns will join as vice president in ADB

नई दिल्ली। चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने आज मंगलवार (18 अगस्त) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। लवासा अगले महीने फिलीपींस स्थित एशियाई विकास बैंक (एडीबी) में उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। लवासा ने 23 जनवरी, 2018 को भारत के चुनाव आयुक्त के रूप में पदभार संभाला था और उन्हें अक्तूबर 2022 में मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में सेवामुक्त होना था। 1980 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी लवासा मुख्य चुनाव आयुक्त बनने के भी दावेदार थे, हालांकि चुनाव आयोग में अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया। चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि लवासा ने राष्ट्रपति भवन को अपना इस्तीफा भेज दिया तथा 31 अगस्त को उन्हें कार्यमुक्त करने का अनुरोध किया है। 

एडीबी में दिवाकर गुप्ता की जगह लेंगे लवासा

अशोक लवासा अगले महीने फिलीपींस स्थित एशियाई विकास बैंक (एडीबी) में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं। एशियन डेवलपमेंट बैंक ने बयान में बताया था, एडीबी ने अशोक लवासा को प्राइवेट सेक्टर ऑपरेशंस और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के लिए बैंक में उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया है। वह दिवाकर गुप्ता की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 31 अगस्त तक का है। 

भारत सरकार के अलग-अलग विभागों में कई अहम पदों पर रह चुके हैं लवासा

अशोक लवासा भारत सरकार के अलग-अलग विभागों में कई अहम पदों पर रह चुके हैं। चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति से पहले, अशोक लवासा केंद्रीय वित्त सचिव के रूप में सेवाएं दो चुके हैं। साथ ही अशोक लवासा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के केंद्रीय सचिव सहित कई वरिष्ठ पदों पर कार्य कर चुके हैं। निर्वाचन आयोग के इतिहास में अशोक लवासा दूसरे ऐसे आयुक्त होंगे जिन्हें कार्यकाल पूरा करने से पहले ही इस्तीफा देकर जाना पड़ रहा है। अशोक लवासा से पहले 1973 में मुख्य निर्वाचन आयुक्त नागेन्द्र सिंह ने तब इस्तीफा दिया था जब उनको अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत में जज बनाया गया था।

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान चर्चा में आए थे लवासा

बता दें कि लवासा उस समय चर्चा में आए थे जब 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को आचार संहिता के उल्लंघन मामले में क्लीन चीट मिलने का विरोध किया था। मुख्य चुनाव आयुक्त समेत तीन आयुक्तों के पैनल में क्लीन चिट का विरोध करने वाले इकलौते आयुक्त थे। चुनाव के कुछ समय बाद ही लवासा, उनकी पत्नी और उनके बेटे के खिलाफ आयकर विभाग के नोटिस भेजे गए और कई तरह की जांच शुरू हो गई। इसके कुछ दिन बाद ही उन्होंने एशियाई विकास बैंक के ऑफर को स्वीकार कर लिया था।

अशोक लवासा ने यहां से की पढ़ाई

अशोक लवासा के पास ऑस्ट्रेलिया में दक्षिणी क्रॉस विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री और मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा और सामरिक अध्ययन में एमफिल डिग्री है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में बीए आनर्स और अंग्रेजी साहित्य में स्नात्कोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। लवासा ने पेरिस समझौते के लिए जलवायु परिवर्तन वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और भारत के राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदानों को अंतिम रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें निजी क्षेत्र को एक प्रमुख भूमिका में शामिल किया गया था।

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