नई दिल्ली: हरियाणा के मुरथल में जाट आंदोलन के दौरान गैंगरेप के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट ने हरियाणा पुलिस को फटकार लगाई है। हाइकोर्ट ने कहा कि मुरथल में गैंगरेप हुआ था और इसके सबूत हैं। घटना पर संज्ञान लेते हुए चश्मदीदों के बयान के बाद कोर्ट ने वृहस्पतिवार को कहा कि मुरथल में महिलाओं के अंडर गारमेंट्स मिलना इस बात का प्रमाण हैं कि वहां महिलाओं के साथ दुराचार हुआ है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस के विशेष जांच दल से घटना की छानबीन कर दोषियों को गिरफ्तार करने के आदेश दिए हैं।
दो गवाहों में से एक ऑटो रिक्शा चालक ने अपने बयान में कहा कि आंदोलन के वक्त उसके ऑटो में सवार महिलाओं को ऑटो से खींच लिया गया था। बाद में पुलिस की भी संदिग्ध भूमिका सामने आई थी। गुरुवार को इस केस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा राज्य पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) को आदेश दिया है कि वह घटना से जुड़े सभी तथ्यों की जांच करे और दोषियों को गिरफ्तार करे, ताकि जनता में पुलिस और कानून व्यवस्था के प्रति भरोसा बना रहे।
दरअसल, हरियाणा सरकार और मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी का लगातार यह कहना रहा है कि मुरथल में कोई गैंगरेप नहीं हुआ, सिर्फ छेड़छाड़ हुई थी। इस मामले से जुड़ी खबरें मीडिया में आने के बाद हरियाणा कोर्ट द्वारा पुलिस से जवाब-तलब किए जाने पर पुलिस ने इस घटना की एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। बाद में अंडरगारमेंट्स में मिले सीमन (वीर्य) से इनका ब्लड मैच न होने पर आरोपियों से रेप के चार्जेज हटा लिए गए थे।
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