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Hindi News भारत राष्ट्रीय कश्मीर में वार्ता से कुछ रास्ता निकलने की उम्मीद : राजनाथ सिंह

कश्मीर में वार्ता से कुछ रास्ता निकलने की उम्मीद : राजनाथ सिंह

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिह ने यहां शनिवार को कहा कि कश्मीर वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा और कश्मीर में सभी साझेदारों से बातचीत के बाद राज्य में हालात सुधारने से संबंधित कुछ सिफारिशें सामने आएंगी और उम्मीद जताते हुए कहा कि उनके प्रयास से कुछ रास्ता जरूर

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लखनऊ: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिह ने यहां शनिवार को कहा कि कश्मीर वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा और कश्मीर में सभी साझेदारों से बातचीत के बाद राज्य में हालात सुधारने से संबंधित कुछ सिफारिशें सामने आएंगी और उम्मीद जताते हुए कहा कि उनके प्रयास से कुछ रास्ता जरूर निकलेगा। उन्होंने कट्टरता को वैश्विक समस्या बताते हुए कहा कि भारत इस समस्या से बहुत कम प्रभावित है, क्योंकि मुस्लिम समुदाय सच्चे इस्लाम में विश्वास करते हैं। उन्होंने पाकिस्तान पर भारत को अस्थिर करने का आरोप लगाया।

राजनाथ ने कहा, "हमारा पड़ोसी देश अपनी शरारत भरी हरकत से बाज नहीं आ रहा है। वह हमें अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है।" उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में दिल्ली में नए शासन के आने के बाद स्थिति सुधरी है और कहा, "1995 में यहां 6000 घटनाओं के मुकाबले आज काफी कम केवल 300 घटनाएं हुई हैं। स्थिति में सुधार हो रहा है।"

गृहमंत्री ने कहा, "हाल ही में हमने दिनेश्वर शर्मा को जम्मू एवं कश्मीर का विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया है। वह सभी साझेदारों से बात करेंगे और राज्य की स्थिति को सुधारने के लिए कदम उठाने के सुझावों के साथ आएंगे। हम उम्मीद करते हैं कि उनका प्रयास हमारे सामने कुछ महत्वपूर्ण हल लेकर आए।" शर्मा ने शुक्रवार को जम्मू एवं कश्मीर में अपनी पांच दिवसीय यात्रा पूरी की और कहा कि वह अपने अभियान को पूरा करने के लिए राज्य में विभिन्न धड़ों के विचार जानने और सतत वार्ता प्रक्रिया को पूरा करने के लिए फिर से यहां आएंगे।

अपने संसदीय क्षेत्र आए राजनाथ ने यहां एक होटल में एक मीडिया हाउस द्वारा 'तरक्की का नया नजरिया विजन 2022' विषय पर आयोजित समागम में कहा, "पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। हमें तोड़ने की कोशिश करता रहता है, लेकिन हमारी सेना, अर्धसैनिक बल, जम्मू एवं कश्मीर पुलिस और खुफिया एजेंसियों के बीच बहुत बढ़िया समन्वय है।"

उन्होंने कहा, "जम्मू एवं कश्मीर के हालात में काफी सुधार हुआ है। हमने हुर्रियत नेताओं सहित सबसे बात करने के लिए एक विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया है। ये प्रतिनिधि सबसे बात करेंगे और समस्या को दूर करने के लिए भारत सरकार को क्या करना चाहिए वो सुझाव देंगे।" 

कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास पर राजनाथ ने कहा, "हर कोई चाहता है कि पुनर्वास हो। पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद से भी इस बारे में बात हुई थी और उन्होंने सहमति भी दी थी। बाद में वहां गड़बड़ी के कारण मामला रुका हुआ है। मौजूदा मुख्यमंत्री से बात होती रहती है और उन्होंने वादा किया है कि पुनर्वास के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। हम कश्मीर की समस्या का समाधान कश्मीर की जनता को विश्वास में लेकर करना चाहते हैं।"

रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे को लेकर सवाल पर उन्होंने सीधा जवाब न देते हुए इसके लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराकर आगे बढ़ चले। गृहमंत्री ने कहा, "कौशल विकास कार्यक्रम के जरिए हम एक करोड़ नौजवानों को रोजगार देंगे। हो सकता है, तात्कालिक प्रभाव नहीं दिख रहे हों, लेकिन कठोर फैसलों से दीर्घकालिक फायदा तो होता है। हम सबका साथ सबका विकास चाहते हैं।"

राजनाथ ने कहा कि कट्टरपंथ कम हुआ है। इसका श्रेय हिंदुस्तान में इस्लाम को मानने वालों को दिया जाना चाहिए। देश के गृहमंत्री ने हालांकि हिंदू कट्टरपंथ पर कुछ बोलना जरूरी नहीं समझा। नक्सलवाद और उग्रवाद में कमी आने तथा 2022 तक इन्हें समाप्त करने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सहित अर्धसैनिक बलों को अत्याधुनिक हथियार एवं प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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