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Hindi News भारत राष्ट्रीय किसान आंदोलन: बैठक के बाद किसान नेताओं ने दी ऐसी प्रतिक्रिया, कही ये बड़ी बात

किसान आंदोलन: बैठक के बाद किसान नेताओं ने दी ऐसी प्रतिक्रिया, कही ये बड़ी बात

घंटों चली बैठक में किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे, हालांकि सरकार की ओर से आंदोलन समाप्त करने के लिए कई प्रस्ताव दिये गए लेकिन किसान नेता उस पर राजी नहीं हुए। 

Farmers Protest Kisan Andolan farmer leaders reaction latest update news- India TV Hindi Image Source : ANI Farmers Protest Kisan Andolan farmer leaders reaction latest update news

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच 10वें दौर की बैठक बुधवार को फिर से बेनतीजा समाप्त हुई। अब दोनों के बीच 11वें दौर की अगली वार्ता 22 जनवरी को विज्ञान भवन में होगी। घंटों चली बैठक में किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे, हालांकि सरकार की ओर से आंदोलन समाप्त करने के लिए कई प्रस्ताव दिये गए लेकिन किसान नेता उस पर राजी नहीं हुए।

सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया कि एक निश्चित समय के लिए कानून पर रोक लगा दी जाए और एक कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें सरकार और किसान दोनों हो, लेकिन किसान संगठन इस प्रस्ताव पर नहीं राजी हुए। साथ ही सरकार की ओर से ये भी अपील की गई कि इस प्रस्ताव के साथ-साथ आपको आंदोलन भी खत्म करना होगा। किसान नेताओं ने सरकार के प्रस्ताव पर कल तक फैसला लेने की बात कही है। 

किसान संगठन के नेता ने बैठक के बाद कहा कि दोनों पक्षों की सहमति से एक निश्चित समय के लिए तीनों कृषि कानूनों को निलंबित करने और एक समिति के गठन के लिए उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर करने का प्रस्ताव दिया है। कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग पर अडिग हैं, लेकिन कानूनों को निलंबित करने के सरकार के प्रस्ताव पर बृहस्पतिवार (21 जनवरी) को चर्चा करेंगे। 

बैठक के बाद किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि बैठक में 3 कानूनों और MSP पर बात हुई। सरकार ने कहा हम 3 कानूनों का एफिडेविट बनाकर सुप्रीम कोर्ट को देंगे और हम 1-1.2 साल के लिए रोक लगा देंगे। एक कमेटी बनेगी जो 3 क़ानूनों और MSP का भविष्य तय करेगी। हमने कहा हम इस पर विचार करेंगे। 

सरकार के साथ किसान नेताओं की 10वें दौर की वार्ता के बाद ऑल इंडिया किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी हन्ना मोल्लाह ने कहा है कि हम कोर्ट में एफिडेविट देकर कानून को 1.5-2 साल तक होल्ड पर रख सकते हैं। कमेटी बनाकर चर्चा करके, कमेटी जो रिपोर्ट देगी, हम उसको लागू करेंगे। हम 500 किसान संगठन हैं, कल हम सबसे चर्चा करके 22 जनवरी को अपना जवाब देंगे। 

कृषि कानूनों के निलंबन का 1 साल का प्रस्ताव किया नामंजूर

बैठक के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि हम तीनों कानूनों पर आपके साथ बिंदुवार चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार किसी भी सूरत में तीनों कानून को वापस नहीं लेगी। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार और किसान संगठनों के नेताओं की एक कमेटी बना देते हैं, जब तक बीच का रास्ता नहीं निकलेगा तब तक हम कानून को लागू नहीं करेंगे। सरकार ये एफिडेविट सुप्रीम कोर्ट में भी देने को तैयार है। 10वें दौर की बातचीत के दौरान सरकार ने नए कृषि कानूनों के निलंबन का 1 साल का प्रस्ताव रखा था, लेकिन किसान नेताओं ने इसे नामंजूर कर दिया। 

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