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Hindi News भारत राष्ट्रीय किसानों का बुधवार को दिल्ली-नोएडा के बीच चिल्ला बॉर्डर को ब्लॉक करने का ऐलान

किसानों का बुधवार को दिल्ली-नोएडा के बीच चिल्ला बॉर्डर को ब्लॉक करने का ऐलान

किसान नेताओं ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि सरकार कह रही है कि वह इन कानूनों को निरस्त नहीं करेगी, हम कह रहे हैं कि हम आपसे ऐसा करवाएंगे।

किसानों का बुधवार को दिल्ली-नोएडा के बीच चिल्ला बॉर्डर को ब्लॉक करने का ऐलान- India TV Hindi Image Source : PTI किसानों का बुधवार को दिल्ली-नोएडा के बीच चिल्ला बॉर्डर को ब्लॉक करने का ऐलान

नई दिल्ली: किसान नेताओं ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि सरकार कह रही है कि वह इन कानूनों को निरस्त नहीं करेगी, हम कह रहे हैं कि हम आपसे ऐसा करवाएंगे। किसान नेताओं ने कहा कि वे बुधवार को दिल्ली-नोएडा के बीच चिल्ला बॉर्डर को पूरी तरह अवरुद्ध करेंगे। किसान नेता इंद्रजीत ने कहा कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को लोग 20 दिसंबर को गांवों, प्रखंडों में श्रद्धांजलि देंगे। 

सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में किसान नेताओं ने कहा कि लड़ाई ऐसे दौर में पहुंच गयी है, जहां हम जीतने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि सोमवार को देश के 350 जिलों में हमारा प्रदर्शन सफल रहा, किसानों ने 150 टोल प्लाजा को ‘मुक्त’ कराया।

किसान नेताओं  ने कहा कि अब तक विरोध प्रदर्शन के दौरान करीब 20 किसान ‘शहीद’ हो गए। प्रदर्शन शुरू होने के बाद से हर दिन औसतन एक किसान की मौत हुई। उन्होनें कहा कि हम वार्ता से नहीं भाग रहे, लेकिन सरकार को हमारी मांगों पर ध्यान देना होगा और ठोस प्रस्ताव के साथ आना होगा। 

किसान नेता ने कहा कि हमारे आंदोलन के सामने सरकार ने हार मान ली है। किसान के सामने सरकार टिक नहीं पाएगी, कृषि कानूनों को उन्हें वापस लेना ही पड़ेगा। किसान नेता ने कहा कि हम कानूनों में संशोधन नहीं चाहते। हम चाहते है सरकार इन काननों को वापस ले। किसान नेता ने कहा कि दुनिया भर से सरकार को फटकार पड़ेगी तब असर होगा। 

इसके अलावा आज दिल्ली में भारतीय किसान यूनियन (किसान) के सदस्यों ने कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज जो किसान मुझसे मिले, उन्होंने तीनों कृषि कानूनों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि वे बिल और सरकार के साथ हैं। चूंकि कुछ किसान गलत धारणा फैला रहे हैं इसलिए उन्हें भी गुमराह किया गया है। जब मैंने उनसे बात की तो उन्होंने बिलों का स्पष्ट समर्थन किया है।  

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