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Hindi News भारत राष्ट्रीय HIV पीड़ित से भेदभाव किया तो होगी दो साल की सजा, केंद्र सरकार ने एचआईवी/एड्स अधिनियम लागू किया

HIV पीड़ित से भेदभाव किया तो होगी दो साल की सजा, केंद्र सरकार ने एचआईवी/एड्स अधिनियम लागू किया

संसद ने एड्स/एचआईवी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए 11 अप्रैल 2017 को इस अधिनियम को पारित कर दिया था। यह अधिनियम उपचार, रोजगार और कार्यस्थल पर ऐसे लोगों के खिलाफ किसी तरह के भेदभाव को रोकता है।

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नई दिल्ली: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि एचआईवी एड्स (रोकथाम व नियंत्रण) अधिनियम 2017 लागू हो गया है। मंत्रालय ने एक आदेश में कहा, " केंद्र सरकार ने ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस एंड एक्वायरड इम्यूनोडिफिशियेंसी सिंड्रोम (रोकथाम व नियंत्रण) अधिनियम 2017 (2017 का 16) की धारा 1 की उपधारा (3) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 10 सितंबर 2018 से इस अधिनियम को लागू कर दिया है।"

संसद ने एड्स/एचआईवी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए 11 अप्रैल 2017 को इस अधिनियम को पारित कर दिया था। यह अधिनियम उपचार, रोजगार और कार्यस्थल पर ऐसे लोगों के खिलाफ किसी तरह के भेदभाव को रोकता है।

एचआईवी/एड्स अधिनियम, 2017 को अप्रैल में पारित किया गया था। हालांकि अधिनियम परित होने के बाद भी इसे लागू न किए जाने के कारण दिल्‍ली हाईकोर्ट ने इसे स्‍वत: संज्ञान में लेते हुए स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय को जमकर फटकार लगाई थी।

इस अधिनयिम के लागू हो जाने के बाद एचआईवी या एड्स पीड़ितों को संपत्‍ति में पूरा अधिकार और स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं से जुड़ी हर मुमकिन मदद मिल सकेगी। अधिनियम में साफ किया गया है कि इस तरह के मरीजों से भेदभाव को अपराध की श्रेणी में माना जाएगा।

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