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Hindi News भारत राष्ट्रीय हटाए जाने पर साइरस मिस्त्री बोले, 'मैं केवल नाम का चेयरमैन था, चलती किसी और की थी’

हटाए जाने पर साइरस मिस्त्री बोले, 'मैं केवल नाम का चेयरमैन था, चलती किसी और की थी’

नई दिल्ली: टाटा संस को कड़े शब्दों में लिखे अपने पत्र में पूर्व अध्यक्ष साइरस पी.मिस्त्री ने कहा है कि बिना किसी पर्याप्त कारण के अध्यक्ष पद से अचानक हटाने की कार्रवाई से न केवल

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नई दिल्ली: टाटा संस को कड़े शब्दों में लिखे अपने पत्र में पूर्व अध्यक्ष साइरस पी.मिस्त्री ने कहा है कि बिना किसी पर्याप्त कारण के अध्यक्ष पद से अचानक हटाने की कार्रवाई से न केवल उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है, बल्कि इससे समूह की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचा है। मिस्त्री ने यह भी कहा कि उन्हें केवल नाम का अध्यक्ष होने को मजबूर किया गया।

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मिस्त्री ने पांच पृष्ठों के एक पत्र में लिखा, "अफसोस जनक कार्रवाई और पर्याप्त कारणों की कमी से कई तरह की अटकलों को बल मिला और इससे मेरी तथा टाटा समूह की छवि को अपूरणीय क्षति पहुंची।" अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद मिस्त्री के ई-मेल आईडी से कंपनी के निदेशकों तथा ट्रस्टी को पत्र भेजा गया है।

उल्लेखनीय है कि समूह ने सोमवार को मिस्त्री को अध्यक्ष पद से हटा दिया और रतन एन.टाटा को अंतरिम अध्यक्ष बना दिया। उन्होंने कहा कि वह अपने खिलाफ उस 'तर्कहीन व अवैध' कार्रवाई से हतप्रभ हैं, जिसे 24 अक्टूबर को बोर्ड ने अपनी बैठक के दौरान अंजाम दिया। उन्होंने कहा, "मुझे यह विश्वास नहीं हो रहा कि मुझे प्रदर्शन न कर पाने के आधार पर हटा दिया गया है।"

मिस्त्री ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि आप खुद को वैसी ही दशा में पा रहे हैं, जैसा मैं खुद महसूस कर रहा हूं। मुझे केवल नाम का अध्यक्ष बनने को मजबूर किया गया, मेरी इच्छा समूह के भविष्य के लिए एक संस्थानिक ढांचा का निर्माण करने की थी।"

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