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Hindi News भारत राष्ट्रीय मानव विकास सूचकांक में भारत ने किया सुधार, यूएनडीपी ने जारी की रैकिंग

मानव विकास सूचकांक में भारत ने किया सुधार, यूएनडीपी ने जारी की रैकिंग

देश में जारी असमानताओं के बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से शुक्रवार को जारी ताजा मानव विकास रैकिंग में एक स्थान का सुधार किया है।

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नई दिल्ली: देश में जारी असमानताओं के बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से शुक्रवार को जारी ताजा मानव विकास रैकिंग में एक स्थान का सुधार किया है। भारत अब 189 देशों के बीच 130वें नंबर पर पहुंच गया है। वर्ष 2017 के लिए भारत का एचडीआई मूल्य 0.640 है। इसी के चलते भारत को मानव विकास श्रेणी में रखा गया है।

यूएनडीपी इंडिया के कंट्री निदेशक फ्रांसिन पिकअप ने कहा कि एचडीआई में सुधार करने के लिए कई योजनाओं जैसे बेटी बचाओ-पढ़ाओ, स्वच्छ भारत और मेक इन इंडिया के साथ-साथ स्कूली शिक्षा को अनिवार्य बनाना और स्वास्थ्य देखभाल के कारण इसमें सुधार हुआ है। वर्ष 1990 से 2017 के बीच में भारत के एचडीआई वैल्यू में 0.427 से लेकर 0.640 की वृद्धि हुई है। इसमें करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस सूची में बांग्लादेश 136वें और पाकिस्तान 150वें नंबर पर है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत की सकल राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय 1990 से 2017 के बीच 266.6 प्रतिशत बढ़ गई। लेकिन एचडीआई मूल्य का करीब 26.8 प्रतिशत असमानताओं की वजह से कम हो जाता है। भारत में नीति और विधायी स्तर पर काफी प्रगति होने के बावजूद महिलाएं पुरुषों की तुलना में राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से कम सशक्त हैं। उदाहरण के रूप में, महिलाओं के हिस्से केवल 11.6 प्रतिशत संसदीय सीटें हैं। 64 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में केवल 39 प्रतिशत वयस्क महिलाएं कम से कम माध्यमिक स्तर तक पहुंची है।

श्रम के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से कम है। 78.8 पुरुषों की तुलना में केवल 27.2 प्रतिशत महिलाएं हैं। इसके बावजूद भारत इस मामले में अपने पड़ोसी देशों बांग्लादेश और पाकिस्तान से बेहतर है। लिंग असमानता सूचकांक पर 160 देशों में भारत 127वें स्थान पर है।

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