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Hindi News भारत राष्ट्रीय पूर्व राष्ट्रपति ने दलगत वाहवाही पर जताया अफसोस, कहा-नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक का योगदान

पूर्व राष्ट्रपति ने दलगत वाहवाही पर जताया अफसोस, कहा-नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक का योगदान

पूर्व राष्ट्रपति ने देश की उपलब्धियों को किसी पार्टी भर का बताये जाने पर अफ़सोस जताया है। उन्होंने कहा कि भारत आज पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद कर रहा है लेकिन इस कामयाबी के पीछे पहले की सरकारों और सभी दलों की मेहनत भी शामिल है।

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नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश की उपलब्धियों को किसी पार्टी भर का बताये जाने पर अफ़सोस जताया है। उन्होंने कहा कि भारत आज पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद कर रहा है लेकिन इस कामयाबी के पीछे पहले की सरकारों और सभी दलों की मेहनत भी शामिल है। पूर्व राष्ट्रपति ने 55 साल के कांग्रेस के शासन की आलोचना को भी ग़लत बताया।

प्रणब मुखर्जी ने कहा, भारत ने जो दिन दुनी और रात चौगुनी तरक्की की है, वो इसलिए क्योंकि जवाहर लाल नेहरू जैसे नेताओं ने आईआईटी, इसरो और आईआईएम जैसे संस्थानों की नींव रखी। मनमोहन सिंह और नरसिम्हा राव जैसे नेताओं ने उदारवादी नीतियों की बदौलत तरक्की की इस रफ्तार को आगे बढ़ाया है। 

उन्होंने कहा, “जो लोग कांग्रेस के 55 साल के शासन की आलोचना करते हैं, वो भूल जाते हैं कि आजादी के समय भारत की क्या स्थिति थी। अगर आज भारत पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है, तो इसके पीछे पूर्वजों की रखी 1.8 ट्रिलियन डॉलर की मज़बूत नींव है।“

इसके साथ ही प्रणब मुखर्जी ने इस बात पर अफसोस भी जताया कि आज देश के बहुलतावादी ताने-बाने को ठेस पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा, हमें ये बात कभी नहीं भूलनी चाहिये कि भारत का संविधान सभी जाति, धर्म और लिंग के लोगों की सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा की गारंटी देता है। प्रणब मुखर्जी ने ये बात समृद्ध भारत फाउंडेशन के एक साल पूरे होने के मौके पर अपने संबोंधन में कही।

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