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सबसे पहले रेलवे को हुई तबलीगी जमात में कोरोना की जानकारी

तबलीगी जमात से जुड़े लोगों से देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोनावायरस फैलने की खबरें आ रही हैं, जिससे जमात की गतिविधियां विवादों में है। इस बीच यह पता चला है कि सतर्क रेलवे अधिकारियों ने 21 मार्च को ही तबलीगी जमात के सदस्यों की सक्रियता के बारे में एक इनपुट प्रदान कर दिया था।

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नई दिल्ली: तबलीगी जमात से जुड़े लोगों से देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोनावायरस फैलने की खबरें आ रही हैं, जिससे जमात की गतिविधियां विवादों में है। इस बीच यह पता चला है कि सतर्क रेलवे अधिकारियों ने 21 मार्च को ही तबलीगी जमात के सदस्यों की सक्रियता के बारे में एक इनपुट प्रदान कर दिया था। सरकार का कहना है कि अधिकारियों द्वारा दिए गए इनपुट के आधार पर कोविड-19 प्रभावित देशों से आए तबलीगी समाज के लोगों द्वारा निजामुद्दीन क्षेत्र में हुए कार्यक्रम में शामिल होने के मद्देनजर राज्य मशीनरी और कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा कार्रवाई की गई।

महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय रेलवे ने इस मुद्दे को उठाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा भी लिया। मंत्रालय ने 21 मार्च को अपने ट्वीट में कहा, रेलवे को ट्रेनों में कोरोनावायरस संक्रमित कुछ यात्रियों का पता चला है, जो यात्रा को जोखिम भरा बनाता है। ट्रेन यात्रा से बचें, क्योंकि अगर आपके सह-यात्री को कोरोनावायरस है तो आप भी संक्रमित हो सकते हैं। अपने आपको और अपने प्रियजनों को सुरक्षित रखें।

यह संदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान करने के ठीक एक दिन पहले दिया गया था। एक दिन बाद कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने कार्रवाई की और कुछ तबलीगी नेताओं को स्थानीय पुलिस स्टेशनों द्वारा तलब किया गया। इसके साथ ही भारतीय रेलवे ने नागरिकों को सतर्क करने के लिए कई प्रयास किए।

रेल मंत्रालय ने खुलासा किया कि भारतीय रेलवे द्वारा 21 मार्च को कई ट्वीट करते हुए कहा कि 16 मार्च को मुंबई से जबलपुर जाने वाली गोदान एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 11055) के बी-1 कोच में यात्रा करने वाले चार यात्री 20 मार्च को कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। ट्वीट में कहा गया, कोविड-19 पॉजिटिव पिछले सप्ताह दुबई से भारत आया था। सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए सतर्क कर दिया गया है। ऐसे मामले अक्सर रेलवे में देखे जाते हैं। यात्रियों से अनुरोध है कि जब तक बिल्कुल आवश्यक न हो, तब तक ट्रेनों में यात्रा न करें।

इसके बाद रेलवे ने एक और ट्वीट किया, घरों में एकांतवास में रखे गए दो यात्रियों को आज (21 मार्च) बेंगलुरू और दिल्ली के बीच राजधानी ट्रेन में यात्रा करते हुए पाया गया। उन्हें तुरंत ट्रेन से उतार दिया गया और पूरे कोच को साफ कर दिया गया। नागरिकों को सामाजिक दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है। रेलवे ने आगे खुलासा किया कि 13 मार्च को, रामगुंडम से एपी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से दिल्ली जाने वाले कुल आठ यात्रियों को 20 मार्च को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। रेलवे ने ट्वीट किया, यात्रियों को साथी नागरिकों की सुरक्षा के लिए गैर-आवश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है।

रेलवे द्वारा सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कराए गए इनपुट से ही कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक खतरे की घंटी बज गई। इसके बाद रेलवे अधिकारियों द्वारा बताए गए कोरोना पॉजिटिव यात्रियों के पूरे यात्रा इतिहास की जांच की गई। इसमें पता चला कि इस महीने के दौरान इन सभी लोगों ने दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में तबलीगी जमात के मुख्यालय आलमी मरकज बंगलेवाली मस्जिद का दौरा किया था।

इस खुलासे के बाद सभी एजेंसियां हरकत में आ गई। दिल्ली पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो, दिल्ली सरकार और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने इस क्षेत्र व यहां आए लोगों के बारे में और अधिक जानकारी निकालनी शुरू कर दी। एजेंसियों ने चौंकाने वाले खुलासे करते हुए कहा कि एक महीने की अवधि में देश भर के 8,000 से अधिक लोगों के साथ-साथ इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड और सऊदी अरब के लोगों ने आलमी मरकज बंगलेवाली मस्जिद में एक सभा में भाग लिया।

उन्होंने पाया कि 21 मार्च को मरकज में लगभग 1746 व्यक्ति रह रहे थे। इनमें से 216 विदेशी थे और 1530 भारतीय थे। इसके अतिरिक्त लगभग 824 विदेशी 21 मार्च को भारत के विभिन्न हिस्सों में चिल्ला गतिविधियां में शामिल रहे थे।

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