चंडीगढ़: हरियाणा में आरक्षण के लिए पिछले 28 दिनों से प्रदर्शन कर रहे जाटों ने रविवार को राज्य में काला दिवस मनाने का फैसला किया है। इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (AIJASS) के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि सरकार की नीतियों के खिलाफ समुदाय के सदस्य काली पगड़ी, टोपी, रिबन पहनेंगे और हाथ पर काली पट्टी बांधेंगे।
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मलिक ने कहा, ‘एक मार्च से प्रदर्शनकारी सरकार के साथ असहयोग करेंगे। कोई भी बिजली और पानी का बिल अदा नहीं करेगा और न ही सरकार से लिए गए कर्ज की किश्त का भुगतान करेगा।’ उन्होंने कहा कि 2 मार्च को दिल्ली और उत्तर प्रदेश के जाट राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन करेंगे और राष्ट्रपति को कोटा के मुद्दे पर ज्ञापन सौंपेंगे। जाटों ने संसद का घेराव करने की भी योजना बनाई है जिसके लिए तारीख का ऐलान 2 मार्च को किया जाएगा।
मलिक ने कहा कि बड़ी संख्या में जाटों ने करनाल के बाला गांव, हिसार के मयर, रोहतक के जास्साई, झज्जर के रसवाला चौक, जींद के इक्कास, कुरूक्षेत्र के जैनपुर जाट्टन, कैथल के देबन और यमुना नगर की अनाज मंडी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। इस दौरान इनके साथ बड़ी संख्या में दूसरे लोग भी शामिल हुए।
हरियाणा में मुख्य विपक्षी दल इंडियन नेशनल लोकदल ने प्रदर्शन कर रहे जाटों का खुलकर समर्थन करते हुए सरकार से उनकी मांगें मानने को कहा है। हाल के जाट आंदोलन को देखते हुए संवेदनशील इलाकों में अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है और राज्य पुलिस भी कड़ी सतर्कता बरत रही है।
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