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Hindi News भारत राष्ट्रीय एक वोट की कीमत समझने के लिए जरूर पढ़ें ये 5 किस्से, बदल जाती हैं सरकारें

एक वोट की कीमत समझने के लिए जरूर पढ़ें ये 5 किस्से, बदल जाती हैं सरकारें

हर बीतने वाला लम्हा इतिहास की किताब में भविष्य के लिए उदाहरण सजाकर गुजरता है। वोट की कीमत समझने के लिए भी इतिहास के पन्नों में कई उदाहरण दर्ज है, एक-एक कर ऐसे 5 उदाहरणों पर नजर डालते हैं।

<p>प्रतीकात्मक तस्वीर</p>- India TV Hindi प्रतीकात्मक तस्वीर

हर बीतने वाला लम्हा इतिहास की किताब में भविष्य के लिए उदाहरण सजाकर गुजरता है। वोट की कीमत समझने के लिए भी इतिहास के पन्नों में कई उदाहरण दर्ज है। भारत से लेकर फांस, जर्मनी और अमेरिका तक कई किस्से हैं, जो आपको एक वोट की कीमत का सटीक उदाहरण देते हैं। हमें उम्मीद है कि आप ये किस्से पढ़ने के बाद ये तो कभी नहीं बोलेंगे कि ‘हमारे एक वोट से क्या होगा’।

1.
अटल बिहारी वाजपेयी की 13 महीनों की सरकार गिरी

साल 1999 में केंद्र में BJP गठबंधन की सरकार चला रही थी और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। लेकिन, AIADMK ने अपना समर्थन वापस ले लिया। अब BJP के सामने सदन में अपना बहुमत साबित करने की चुनौती थी। तब सिर्फ 1 वोट की वजह से BJP इस चुनौती को पास नहीं कर पाई और सरकार गिर गई। विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 269 और विरोध में 270 वोट डले थे।

2
राजस्थान का सीएम बनने से चूके सीपी जोशी

साल 2008 राजस्थान विधानसभा: सीपी जोशी उस दौरान मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे लेकिन चुनाव में एक वोट से मात मिली और सारी दावेदारी पानी में बह गई। सीपी जोशी को 2008 विधानसभा चुनाव में 62,215 और कल्याण सिंह को 62, 216 वोट मिले थे। कहा जाता है कि उस चुनाव में जोशी की मां, पत्नी और ड्राइवर ने वोट नहीं डाला था।

3
फ्रांस में राजशाही खत्म, लोकतंत्र आरंभ 

लोकतंत्र पाने के लिए संघर्षों की तमाम गाथाएं इतिहास में दर्ज हैं। साल 1875 में एक वोट ने फ्रांस की सत्ता का स्वरूप ही बदल दिया। एक वोट की जीत से ही फ्रांस में नेपोलियन राजशाही की वापसी का फैसला खारिज हुआ था और लोकतंत्र बरकरार रहा था। वरना वहां के लोग अब तक राजशाही ही ढो रहे होते।

4
1 वोट ने हिटलर को बनाया नाजी दल का मुखिया

जर्मनी जिस तानाशाह के राज से होकर गुजरा उसकी तानाशाही की बुनियाद भी एक ही वोट से रखी गई थी। इसीलिए एक वोट की ताकत को जर्मनी के लोगों से बेहतर शायद ही कोई जानता हो, लेकिन हमें ये जाननी चाहिए। साल 1923 में एडॉल्फ हिटलर एक वोट के अंतर से ही नाजी दल का मुखिया बना था।

5
अमेरिका को मिली अंग्रेजी मातृभाषा

अमेरिका में भी एक वोट की कीमत समझाने वाले कई उदाहरण है। साल 1776 में एक वोट की बदौलत ही जर्मन की जगह अंग्रेजी को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिली, 1910 में न्यू यॉर्क के 36वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट्स चुनाव में रिपब्लिक उम्मीदवार सिर्फ एक वोट से हारा, साल 1845 में टेक्सस एक वोट के अंतर से ही संयुक्त राज्य अमेरिका का हिस्सा बना।

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