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Hindi News भारत राष्ट्रीय स्कूल में हिंदू-मुस्लिम छात्रों को अलग बैठाने का आरोप, NMCD ने अधिकारी को जांच के लिए भेजा

स्कूल में हिंदू-मुस्लिम छात्रों को अलग बैठाने का आरोप, NMCD ने अधिकारी को जांच के लिए भेजा

खबरों के बाद वजीराबाद में एक स्कूल का निरीक्षण करने के लिए कहा है जिसमें कहा गया था कि वहां के छात्रों को कथित तौर पर हिंदू और मुसलमान सेक्शनों में बांट दिया गया है

NMCD sends officer to probe Wazirabad school - India TV Hindi NMCD sends officer to probe Wazirabad school after media reports separate section for Hindu and Muslim Students

नई दिल्ली। उत्तर दिल्ली नगर निगम (NMCD) के शिक्षा विभाग ने बुधवार को एक वरिष्ठ अधिकारी को उन खबरों के बाद वजीराबाद में एक स्कूल का निरीक्षण करने के लिए कहा है जिसमें कहा गया था कि वहां के छात्रों को कथित तौर पर हिंदू और मुसलमान सेक्शनों में बांट दिया गया है। NMCD के सूत्रों ने बताया कि शीर्ष अधिकारियों ने इस पर संज्ञान लिया और अगर आरोप सही पाए गए तो इसमें शामिल लोगों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। 

एक सूत्र ने कहा कि शिक्षा विभाग के निदेशक ने जोनल कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी को स्कूल जाने तथा आरोपों की जांच करने के निर्देश दे दिए हैं। यह प्राथमिक विद्यालय उत्तरी दिल्ली के वजीराबाद इलाके के तहत आता है और इसका प्रशासन NMCD के हाथों में है। यह इलाका सिविल लाइंस जोन के तहत आता है। उन्होंने कहा कि आरोप सही पाए गए तो आज भी कार्रवाई की जा सकती है। दिल्ली में नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे सभी स्कूल प्राथमिक विद्यालय हैं और अन्य नगर निगम स्कूलों के शिक्षकों ने इन खबरों पर हैरानी जताई है।

करोल बाग के एक नगर निगम स्कूल में शिक्षक ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि एक बच्चे की संतुलित वृद्धि के लिए स्कूलों को राजनीति से दूर रखना चाहिए तथा धर्म और जाति का जिक्र नहीं करना चाहिए। जब एक छात्र स्कूल में प्रवेश करता है तो वह न तो हिंदू होता है, ना मुसलमान, ना सिख और ना ही ईसाई बल्कि वह एक भारतीय होता है और इसी तरह हमें उन्हें पढ़ाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अगर वहां छात्रों को अलग किया गया है तो यह निंदनीय है और हम इसपर कड़ा असंतोष जताते हैं। स्कूलों को एकजुट करना चाहिए और लोगों को बांटना नहीं चाहिए तथा इन बच्चों का दिमाग अभी जल्दी से प्रभावित होने वाला है और यह उनकी वृद्धि के लिए शुभ संकेत नहीं है। मीडिया में बुधवार को प्रकाशित खबरों के अनुसार, स्कूल के छात्रों के अभिभावकों तक को इस बारे में जानकारी नहीं है। 

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