A
Hindi News भारत राष्ट्रीय ऑक्‍सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का कोरोना टीका बुजुर्गों पर भी हुआ सफल

ऑक्‍सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का कोरोना टीका बुजुर्गों पर भी हुआ सफल

कोरोना वायरस टीके बनाने की रेस में एस्ट्राजेनेका कंपनी का टीका बुजुर्गों में इस वायरस के खिलाफ जरुरी इम्युन रिस्पांस को बनाने में सफल हो गया है। फायनेंशियल टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, दवां से बुजुर्गों के शरीर में प्रोटेक्टिव ऐंटीबॉडीज और T स

Oxford-AstraZeneca's corona vaccine successful on elderly people- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Oxford-AstraZeneca's corona vaccine successful on elderly people

नई दिल्ली: कोरोना वायरस टीके बनाने की रेस में ऑक्‍सफर्ड-एस्ट्राजेनेका कंपनी का टीका बुजुर्गों में इस वायरस के खिलाफ जरुरी इम्युन रिस्पांस को बनाने में सफल हो गया है। फायनेंशियल टाइम्‍स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, दवां से बुजुर्गों के शरीर में प्रोटेक्टिव ऐंटीबॉडीज और T सेल्‍स का निर्माण हुआ। रिपोर्ट में रिसर्च से जुड़े दो अज्ञात लोगों का हवाला दिया गया है। एस्‍ट्राजेनेका ने यह वैक्‍सीन ऑक्‍सफर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स के साथ मिलकर बनाई है। इस वैक्‍सीन का भारत में भी ऐडवांस्‍ड ट्रायल जारी है। वैक्‍सीन को 'कोविशील्‍ड' नाम दिया गया है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने एस्‍ट्राजेनेका से 'कोविशील्‍ड' की 100 करोड़ डोज का करार किया है।

इससे पहले आई रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में इस साल के अंत तक कोरोना वायरस टीके को स्वास्थ्य नियामकों से हरी झंडी मिलने की उम्मीद है, जिसके बाद छह महीने या उससे कुछ समय तक टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। हाल ही में जारी हुई 'द टाइम्स' की खबर के अनुसार दिग्गज फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय वैज्ञानिकों द्वारा बनाए जा रहे टीके का परीक्षण चल रहा है और दिसंबर में क्रिसमस तक इसे जरूरी मंजूरी मिल सकती है। समाचार पत्र ने टीका बनाने और उसके वितरण में शामिल ब्रिटेन सरकार के सूत्रों के हवाले से कहा कि मंजूरी मिलने के बाद वयस्कों के लिये छह महीने या उससे कुछ कम समय के लिये टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा।

मौत की खबर के बीच ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके का परीक्षण जारी रहेगा

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय का कहना है कि परीक्षण में शामिल एक व्यक्ति की मौत की खबरों के बावजूइ ब्राजील में उसके कोविड-19 टीके का बाद में चलाये जाने वाले चरण का परीक्षण जारी रहेगा। विश्वविद्यालय ने कहा कि वह किसी विशिष्ट घटना पर टिप्पणी नहीं कर सकता, लेकिन स्वतंत्र समीक्षा में ब्राजील में चल रहे परीक्षण की सुरक्षा से संबंधित कोई मुद्दा नहीं पाया गया। इसने कहा कि स्वतंत्र समीक्षा के साथ ही ब्राजील के संबंधित नियामक ने भी सिफारिश की है कि परीक्षण जारी रहना चाहिए। विश्वविद्यालय इस टीके का विकास अंतरराष्ट्रीय दवा कंपनी ‘एस्ट्राजेनेका’ के साथ मिलकर कर रही है। अमेरिका, ब्रिटेन और ब्राजील में यह देखने के लिए टीके का परीक्षण जारी है कि मानव पर यह सुरक्षित और प्रभावी है या नहीं। 

Latest India News