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Hindi News भारत राष्ट्रीय कोयंबटूर: शिव की 112 फीट ऊंची प्रतिमा का पीएम मोदी ने किया अनावरण

कोयंबटूर: शिव की 112 फीट ऊंची प्रतिमा का पीएम मोदी ने किया अनावरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाशिवरात्रि के मौके पर कोयंबटूर के ईशा योग केंद्र में योग के प्रणेता आदियोगी शिव के 112 फुट उंचे चेहरे रूपी प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी ने पवित्र अग्नि को प्रज्वलित कर कार्यक्र्म की शुरुआत की।

PM Modi- India TV Hindi Image Source : PTI PM Modi

कोयंबटूर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज महाशिवरात्रि के मौके पर कोयंबटूर के ईशा योग केंद्र में योग के प्रणेता आदियोगी शिव के 112 फुट उंचे चेहरे रूपी प्रतिमा का अनावरण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने पवित्र अग्नि को प्रज्वलित कर कार्यक्र्म की शुरुआत की। प्रधानमंत्री मोदी स्थानीय सुलूर हवाई अड्डे पर शाम 5:30 पहुंचे जहां से वे कार्यक्रम स्थल तक हेलिकॉप्टर के जरिए पहुंचे। 

देखें वीडियो

  • योग आपके शरीर को सुंदर मंदिर बनाने में सहयोग करता है-मोदी
  • योग आपके स्वास्थ्य का बेहतर बीमा है, यह आपको रोगमुक्त करता है-मोदी
  • हमें हर तरफ से आनेवाले अच्छे विचारों को ग्रहण करना है-मोदी
  • लेकिन कुछ लोग इन विचारों को आने से रोकते हैं-मोदी
  • नारी नारायणी है, मानवता की प्रगति महिलाओं को अधिकार दिए बिन बेकार है-मोदी
  • हमारी संस्कृति और सभ्यता में ऐसे कई उदाहरण हैं जब महिलाओं ने कई आंदोलनों को सफल बनाया-मोदी
  • शिव और पार्वति का मिलन दरअसल हिमालय और समुद्र का मिलन है-मोदी
  • हम अच्छी तरह जानते हैं सांप और चूहे का क्या संबंध है लेकिन शिव के यहां सब साथ रहते हैं-मोदी
  • शिव का परिवार विविधता के बीच अनेकता का उदाहरण है-मोदी
  • जीव से शिव की यात्रा अहम है, हमारे यहां कहा गया है 'यत्र जीव, तत्र शिव'-मोदी
  • महाशिवरात्रि अंधेरा और अन्याय पर विजय के रास्ते की ओर ले जाता है-मोदी
  • महाशिवरात्रि का यह त्योहार हमें हमारे पारिस्थितिकीय तंत्रों से जोड़ता है-मोदी
  • गुजरात सोमनाथ की भूमि है यहां से मैं काशी विश्वनाथ की भूमि तक पहुंचा-मोदी
  • यह मेरी काशी से कोयम्बूटर की यात्रा है.. मैं जहां भी गया वह शिव की भूमि है-मोदी

112 फीट ऊंची शिव प्रतिमा

  • धरती के इस सबसे विशाल चेहरे की प्रतिष्ठा मानवता को आदियोगी शिव के अनुपम योगदान के सम्मान में की गई है।
  • यह प्रतिष्ठित चेहरा मुक्ति का प्रतीक है और उन 112 मार्गों को दर्शाता है, जिनसे इंसान योग विग्यान के जरिये अपनी परम प्रकृति को प्राप्त कर सकता है। 
  • इस भव्य चेहरे का डिजाइन और प्राण-प्रतिष्ठा ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु ने की है।
  • कार्यक्रम स्थल पश्चिमी घाट में है और केरल की पर्वत श्रृंखलाओं के पास है, लिहाजा राज्य की सीमाओं पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।

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