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Hindi News भारत राष्ट्रीय मुश्किल में शाहरुख, हेड कांस्टेबल दीपक दहिया की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने दर्ज की FIR, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

मुश्किल में शाहरुख, हेड कांस्टेबल दीपक दहिया की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने दर्ज की FIR, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

दिल्ली दंगों के दौरान पुलिस कर्मी पर बंदूक तानने वाले युवक शाहरुख की मुश्किल बढ़ गई हैं। दिल्ली पुलिस ने शाहरुख पठान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। गौरतलब है कि शाहरुख के खिलाफ एफआईआर उसी पुलिसकर्मी दीपक दहिया की शिकायत पर दर्ज की गई है जिस पर शाहरुख ने बंदूक तानी थी।

<p>Shahrukh</p>- India TV Hindi Image Source : FILE Shahrukh

दिल्ली दंगों के दौरान पुलिस कर्मी पर बंदूक तानने वाले युवक शाहरुख की मुश्किल बढ़ गई हैं। दिल्ली पुलिस ने शाहरुख पठान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। गौरतलब है कि शाहरुख के खिलाफ एफआईआर उसी पुलिसकर्मी दीपक दहिया की शिकायत पर दर्ज की गई है जिस पर शाहरुख ने बंदूक तानी थी। इंडिया टीवी के पास इस एफआईआर की एक्सक्लूसिव कॉपी भी है। दीपक दहिया ने शाहरुख पर जान से मारने की कोशिश का आरोप लगाया है। बता दें कि 24 फरवरी को दिल्ली दंगों में तमंचा लहराने वाले शाहरुख को पुलिस ने 3 मार्च को उत्तर प्रदेश के शामली से गिरफ्तार किया था। 

हेड कांस्टेबल दीपक दहिया ने अपनी शिकायत में बताया है कि 24 फरवरी को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे जब भीड़ पथराव कर रही थी। इसी बीच भीड़ में से एक युवक बाहर आया और दो तीन फायर किए। इसके बाद जब दीपक दहिया ने युवक को रोकने का प्रयास किया तो उसने सिर का निशाना लगाते हुए फायर कर दिया। दीपक दहिया ने झुक कर किसी तरह अपनी जान बचाई। इसके बाद वह युवक आगे आया और बंदूक तान कर मुझे हटने के लिए कहता रहा। विरोध करने पर उसने बांई ओर गोली चला दी। गौरतलब है कि इसी युवक की पहचान शाहरुख के रूप में हुई है। 

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दीपक दहिया ने इंडिया टीवी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भी पूरा घटनाक्रम बताया था। शाहरुख को गिरफ्तार कर कोर्ट के सामने पेश किया गया था। इस समय शा​हरुख 4 दिन की  पुलिस हिरासत में है। जहां पुलिस शाहरुख से पूछताछ कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को पता चला है कि पिछले कुछ दिनों से शाहरुख कुछ नए लोगों के संपर्क में था। हालांकि, इसका किन-किन लोगों से संबंध है, यह अभी पता नहीं चल पाया है। इसके लिए शाहरुख की CDR (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) निकलवाई जा रही है। CDR से यह पता चल जाएगा कि जिन नंबरों पर बात हुई हैं, वह किसके हैं। इससे पुलिस यह भी पता लगा पाएगी कि जिन नंबर्स पर बात हुई हैं वह किसी गैंग या हिंसा के साजिशकर्ताओं के तो नहीं हैं।

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