चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखा है। पत्र में सिद्धू ने 10 सितंबर को हुई 32 किसान यूनियनों के साथ बैठक का हवाला देते हुए जल्द एक्शन लेने की बात कही। उन्होंने पत्र में कहा कि 'केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि काननू के विरोध में प्रदर्शन के दौरान किसानों के खिलाफ हुई FIR वापस लें।'
इसके अलावा सिद्धू ने सीएम को लिखे पत्र में कहा कि 'केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार, फसलों की खरीद से पहले भूमि के स्वामित्व के विवरण का पता लगाने के लिए भूमि अभिलेख- 'फर्द' मांगने का डर किसानों को सता रहा है। मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि यह एक अन्याय है और अधिकांश किसानों के खिलाफ है, जो पट्टे/अनुबंध के आधार पर जमीन पर खेती करते हैं।'
सिद्धू ने पत्र में लिखा कि 'हमारे राज्य के कई हिस्सों में 'कॉमन मुश्तरका अकाउंट' के कारण स्पष्ट भूमि स्वामित्व की कमी की वजह से दशकों से भूमि का स्वामित्व स्पष्ट नहीं है और कई जमींदार अब विदेश में रह रहे हैं। यह सब एमएसपी खरीद और अरहतिया प्रणाली की मजबूत व्यवस्था पर हमला है तथा किसानों को एपीएमसी मंडियों से दूर निजी मंडियों में धकेलने के लिए है, जहां ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं मांगा जा रहा है।'
नवजोत सिंह सिद्धू ने पत्र में आगे लिखा कि 'मैं दृढ़ता से मानता हूं कि केंद्र सरकार वास्तव में "एक राष्ट्र, दो बाजार" बना रही है, जहां एपीएमसी और निजी बाजारों के लिए अलग नियम हैं। हमें इस अन्याय से लड़ना चाहिए!'
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