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भारत छोड़ो आंदोलन की भावना ने देश के युवाओं में ऊर्जा भरी: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘‘भारत छोड़ो आंदोलन’’ में भाग लेने वाले लोगों को सोमवार को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि आंदोलन की भावना भारत भर में गुंजायमान हुई और इसने हमारे देश के युवाओं में ऊर्जा भर दी।

भारत छोड़ो आंदोलन की भावना ने देश के युवाओं में ऊर्जा भरी: पीएम मोदी - India TV Hindi Image Source : PTI भारत छोड़ो आंदोलन की भावना ने देश के युवाओं में ऊर्जा भरी: पीएम मोदी 

नयी दिल्ली/मुंबई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘‘भारत छोड़ो आंदोलन’’ में भाग लेने वाले लोगों को सोमवार को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि आंदोलन की भावना भारत भर में गुंजायमान हुई और इसने हमारे देश के युवाओं में ऊर्जा भर दी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई और इस आंदोलन ने अंग्रेजों से आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई। आंदोलन शुरू होने के पांच वर्ष बाद 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ था। 

मोदी ने भारत छोड़ो आंदोलन की 79वीं वर्षगांठ पर ट्वीट किया,‘‘भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वाले महान लोगों को श्रद्धांजलि, जिसने उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूती प्रदान करने में अहम भूमिका निभाई।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आंदोलन की भावना भारत भर में गुंजायमान हुई और इसने हमारे देश के युवाओं में ऊर्जा भर दी। 

‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के 79 साल पूरे होने के मौके पर मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में सोमवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया और शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। भारत की ब्रिटिश शासन से आजादी की लड़ाई में इस आंदोलन को मील का एक पत्थर माना जाता है। अगस्त क्रांति मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए स्वतंत्रता सेनानियों और अन्य लोगों को याद करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की गई। यह वही मैदान है, जहां से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आजादी के लिए ‘‘करो या मरो’’ का नारा दिया था। 

महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल यहां सुबह पहुंचे और गांधी स्मृति स्तंभ पर पुष्पांजलि अर्पित की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी ट्वीट कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और ‘अगस्त क्रांति दिवस’ का महत्व रेखांकित किया। अगस्त 1942 में महात्मा गांधी के तत्काल स्वतंत्रता के आह्वान के साथ ही मुंबई के गोवालिया टैंक से इस आंदोलन की शुरुआत की गई थी। बाद में इस जगह को अगस्त क्रांति मैदान नाम दिया गया। कुछ श्रमिक संघों के सदस्य और कार्यकर्ता इस अवसर पर अगस्त क्रांति मैदान में एकत्र हुए। पिछले साल की तरह ही कोविड-19 के कारण इस साल भी यहां लोगों की संख्या कम थी

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