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रेलवे कसेगा दलालों पर नकेल

लखनऊ: रेल मंत्रालय अब दलालों पर नकेल कसने के लिए रेल टिकट बुकिंग के तरीके में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। अब रेल मंत्रालय ने एक बार लॉग-इन कर एक साथ कई टिकट बुक

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लखनऊ: रेल मंत्रालय अब दलालों पर नकेल कसने के लिए रेल टिकट बुकिंग के तरीके में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। अब रेल मंत्रालय ने एक बार लॉग-इन कर एक साथ कई टिकट बुक कराने वाले एजेंटों पर भी नकेल कसने की तरकीब सोची है। अब एक बार लॉग-इन कर एक ही टिकट बुक किया जा सकेगा। (08:19)

ई-टिकट स्वयं काटने वाले यात्री को भी दूसरा टिकट बुक करने के लिए लॉग-आउट कर दोबारा प्रयास करना होगा। यह नियम सैनिकों को छोड़कर आईआरसीटीसी एजेंटों समेत सभी पर लागू होगा। यह नियम सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे के दौरान ई-टिकटों की बुकिंग पर लागू होगी, लेकिन आगे की यात्रा या वापसी के टिकटों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।

यात्रियों की हमेशा शिकायत रहती थी कि टिकट काउंटरों के सुबह आठ बजे खुलने के बाद तुरंत ही वहां पहुंचने पर भी कन्फर्म टिकट नहीं मिल पाता है। रेलवे ने इस मामले की जांच की और बहुत ही चौंका देने वाले घपले का पदार्फाश हुआ। आंतरिक जांच से पता चला है कि हर दिन कंप्यूटर रिजर्वेशन सिस्टम के खुलने के एक मिनट के अंदर दलालों द्वारा 4,000 कन्फर्म टिकट खरीदे जाते थे।

दलाल पैसेंजर रिजर्वेशन सॉफ्टवेयर की एक सुविधा का गलत इस्तेमाल करके टिकट बुक कर लेते थे और उसे ऊंचे दाम पर यात्रियों को बेच देते थे। रेलवे के आरक्षण सॉटवेयर में एक सुविधा है कि किसी व्यक्ति ने यदि पहले टिकट खरीद रखी है तो अंतिम क्षणों में वह मात्र कुछ सेकंड के अंदर अपने यात्रा के ब्यौरे को बदल सकता है और अन्य रेलगाड़ियों की टिकट बुक कर सकता है।

दलाल एक दिन पहले ही कम लोकप्रिय रेलगाड़ियों की टिकट खरीद लेते थे और अगले दिन सुबह आठ से 8.01 बजे के बीच ब्यौरा बदलकर अन्य लोकप्रिय रेलगाड़ियों जैसे राजधानी, दुरंतो और अन्य लंबी दूरी की रेलगाड़ी का टिकट लेते थे। ऐसा करने में उनको सिर्फ कुछ सेकंड ही लगता था, क्योंकि सिस्टम में पहले से ही उनका बुकिंग ब्यौरा मौजूद रहता था।

रेलवे बोर्ड (ट्रैफिक) के सदस्य अजय शुक्ला ने बताया, "दलाल एक दिन पहले ही अग्रिम टिकट बुक कर लेते थे और अगले दिन टिकट के ब्यौरे को बदल देते थे। बुकिंग क्लर्क को सिर्फ अन्य पीएनआर उपलब्ध करना होता था, क्योंकि एक दिन पहले ही ब्यौरा सिस्टम में फीड हो जाता था। टिकट के ब्यौरे को बदलने में कुछ सेकंड ही लगते थे। हमने अब इस सुविधा को सिस्टम खुलने के पहले घंटे के लिए डिसेबल कर दिया है।"

रेलमंत्री को शिकायत मिली थी कि इस तरह से हर दिन बड़ी संख्या में टिकट बुक किए जाते हैं। इसके बाद जांच शुरू हुई। जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि रैकेट में बुकिंग क्लर्क और अंदर के अन्य लोग भी शामिल थे। रेलवे मंत्रालय ने अब दोषियों को पकड़ा और कार्रवाई करने की योजना बनाई है।

रेलवे बोर्ड के अधिकारी इधर कुछ दिनों से देशभर में बुकिंग पैटर्न पर नजर रख रहे हैं। अब पहले मिनट में पहले की तरह 4000 यात्राओं व रेलगाड़ियों में बदलाव के स्थान पर कुछ में ही यह बदलाव किया जा रहा है।

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