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Hindi News भारत राष्ट्रीय भारत-चीन तनाव के बीच एससीओ सम्मेलन में भाग लेने राजनाथ सिंह जा सकते हैं रूस

भारत-चीन तनाव के बीच एससीओ सम्मेलन में भाग लेने राजनाथ सिंह जा सकते हैं रूस

शंघाई सहयोग संगठन (एससअीओ) के एक अहम सम्मेलन में भाग लेने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अगले सप्ताह रूस जा सकते हैं। सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य और भू-रणनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा हो सकती है। 

Rajnath expected to visit Russia next week to attend SCO meet- India TV Hindi Image Source : PTI Rajnath expected to visit Russia next week to attend SCO meet

नयी दिल्ली: शंघाई सहयोग संगठन (एससअीओ) के एक अहम सम्मेलन में भाग लेने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अगले सप्ताह रूस जा सकते हैं। सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य और भू-रणनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा हो सकती है। एससीओ के रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब उसके दो सदस्य देश भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध की स्थिति है। सूत्रों ने कहा कि सिंह तीन सितंबर को मॉस्को के लिए रवाना हो सकते हैं और अगले दिन सम्मेलन होने की संभावना है। 

बता दें कि जून महीने के बाद सिंह की यह दूसरी रूस यात्रा होगी। उन्होंने 24 जून को मॉस्को में विक्ट्री डे परेड में भारत का प्रतिनिधित्व किया था जो द्वितीय विश्वयुद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ की जीत के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित की गयी थी। 

रूस ने 10 सितंबर को एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी आमंत्रित किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव से बृहस्पतिवार को जब पूछा गया कि क्या जयशंकर मॉस्को जाएंगे तो उन्होंने कहा कि मंत्री को न्योता मिला है और उनके भाग लेने के बारे में फैसला होने पर जानकारी दी जाएगी।

संबंधित घटनाक्रम में भारत तीनों सेनाओं की एक टुकड़ी को अगले महीने बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास में शामिल होने के लिए रूस भेजेगा जिसमें चीन, पाकिस्तान और एससीओ के कुछ और सदस्य देश शामिल होंगे। सूत्रों ने बताया कि 15 से 26 सितंबर तक दक्षिण रूस के अस्त्राखन इलाके में आयोजित होने वाले सैन्याभ्यास में भाग लेने वाले भारतीय दल में सेना के करीब 150 जवान, भारतीय वायु सेना के 45 कर्मी और कई नौसैनिक अधिकारी भाग लेंगे। 

भारत के तीनों सेनाओं के एक दल ने जून में मॉस्को में ऐतिहासिक रेड स्कवायर पर आयोजित विक्ट्री डे परेड में हिस्सा लिया था। इसमें चीन की एक टुकड़ी ने भी भाग लिया था। रूस पहले ही कह चुका है कि भारत और चीन को वार्ता के जरिये सीमा विवाद का समाधान निकालना चाहिए और दोनों देशों के बीच सकारात्मक साझेदारी क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।

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