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Hindi News भारत राष्ट्रीय 5000 रुपये का 1 पपीता, 1000 रुपये की 1 मिर्च बेचता था राम रहीम, जानें वजह

5000 रुपये का 1 पपीता, 1000 रुपये की 1 मिर्च बेचता था राम रहीम, जानें वजह

इस शख्स से जुड़ा एक और दस्तावेज है। ये है दसवीं परीक्षा का रिजल्ट। मैट्रिक की परीक्षा में गणित के विषय में फेल होने के कारण इसे सप्लिमेंट्री लगा था। क्या इत्तेफाक है कि जो शख्स हिसाब में इतना कमजोर था, उसकी दुनिया में अरबों का हिसाब-किताब चल रहा है।

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नई दिल्ली: दो साध्वियों से रेप करने के जुर्म में गुरमीत राम रहीम अब सलाखों के पीछे पहुंच चुका है लेकिन उसकी कारगुजारियां लगातार सामने आ रही हैं जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक राम रहीम अपने भक्तों को भगवान के नाम पर फंसा लेता था और मन मुताबिक दामों पर सब्जी बेचता था। एक हरी मिर्च एक हजार रुपए की, एक छोटा बैंगन एक हजार रुपए का। बैंगन का साइज बड़ा हो तो उसकी कीमत दो हजार हो जाती थी। मटर के पांच दानों का पैक एक हजार रुपए तक मिलता है। अगर आपने आधा किलो मटर लिया होता तो लाखों में उसकी कीमत होती। इतना ही नहीं राम रहीम अपने अंधभक्तों को 5000 रुपए में एक पपीता बेचता था। ये भी पढ़ें: राम रहीम ने कहा मेरे दर्द की एक ही दवा, दीदार-ए-हनीप्रीत

दरअसल, सिरसा में राम रहीम का डेरा करीब 800 एकड़ में फैला है, जिसके बड़े हिस्से में खेती की जाती है। इन खेतों में उगने वाली सब्जियों को राम रहीम अपने भक्तों को सोने के दाम पर बेचता था। बाबा दो टमाटर के लिए दो हजार लेता था। भक्तों में अंधभक्ति ऐसी थी कि बाबा के बाग की सब्जी का स्वाद हर कोई चखना चाहता था।

परिवार के एक सदस्य को भी हजारों की कीमत का मटर का एक दाना मिलता तो वो खुद को धन्य समझता। राम रहीम की सब्जी किसी भी कीमत पर खरदीने के पीछे का कारण था कि भक्त कहते थे हमारे पिता ने अपने हाथ से इस सब्जियों को उगाया है। इन्हें खाने से हमें कोई बीमारी नहीं होगी।

बता दें कि जब इंडिया टीवी की टीम जब राम रहीम के पैतृक गांव राजस्थान के श्रीगंगानगर के हनुमान गढ़ का गुरसर मोडिया गांव में पहुंची थी तब यह खुलासा हुआ कि इसके बर्थ सर्टिफिकेट इस शख्स का नाम हरपाल लिखा है। पिता मग्गर सिंह और मां नसीब कौर।

जन्म की तारीख - 10 जुलाई 1967, लेकिन गुरमीत राम रहीम सिंह इंसां 15 अगस्त के दिन अपना बर्थडे मनाता था। अब प्रशासन इस बात की जांच कर रहा है कि आखिर ये ढोंगी देश के राष्ट्रीय पर्व पर अपना जन्मदिन क्यों मनाता था।

इस शख्स से जुड़ा एक और दस्तावेज है। ये है दसवीं परीक्षा का रिजल्ट। मैट्रिक की परीक्षा में गणित के विषय में फेल होने के कारण इसे सप्लिमेंट्री लगा था। क्या इत्तेफाक है कि जो शख्स हिसाब में इतना कमजोर था, उसकी दुनिया में अरबों का हिसाब-किताब चल रहा है।

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