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Hindi News भारत राष्ट्रीय राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर किसानों, सैनिकों और वैज्ञानिकों को किया सलाम

राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर किसानों, सैनिकों और वैज्ञानिकों को किया सलाम

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि संविधान की उद्देशिका में रेखांकित न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के जीवन-मूल्य हम सबके लिए पुनीत आदर्श हैं।

Republic Day 2021: India faced an expansionist move on its borders, says Kovind- India TV Hindi Image Source : PTI राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर किसानों, सैनिकों और वैज्ञानिकों को किया सलाम

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि संविधान की उद्देशिका में रेखांकित न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के जीवन-मूल्य हम सबके लिए पुनीत आदर्श हैं। राष्ट्रपति ने अपने भाषण में कहा, "संविधान की उद्देशिका में रेखांकित न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के जीवन-मूल्य हम सबके लिए पुनीत आदर्श हैं। यह उम्मीद की जाती है कि केवल शासन की जिम्मेदारी निभाने वाले लोग ही नहीं, बल्कि हम सभी सामान्य नागरिक भी इन आदर्शों का दृढ़ता व निष्ठापूर्वक पालन करें।"

उन्होंने पिछले साल लद्दाख में चीनी सेना की कार्रवाई को उसकी विस्तारवादी गतिविधि करार दिया और कहा कि भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन भारतीय सुरक्षा बल किसी भी दुस्साहस को विफल करने के लिए पूरी तैयारी के साथ तैनात हैं। उन्होंने 72वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘प्रत्येक परिस्थिति में, अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए हम पूरी तरह सक्षम हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल, कई मोर्चों पर, अनेक चुनौतियां हमारे सामने आईं। हमें, अपनी सीमाओं पर विस्तारवादी गतिविधियों का सामना करना पड़ा। लेकिन हमारे बहादुर सैनिकों ने उन्हें नाकाम कर दिया।’’ 

इस घटना में बलिदान देने वाले भारतीय जवानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देशवासी उन अमर जवानों के प्रति कृतज्ञ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि हम शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अटल हैं, फिर भी हमारी थल सेना, वायु सेना और नौसेना - हमारी सुरक्षा के विरुद्ध किसी भी दुस्साहस को विफल करने के लिए पूरी तैयारी के साथ तैनात हैं।’’ राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के सुदृढ़ और सिद्धान्त-परक रवैये के विषय में अंतरराष्ट्रीय समुदाय भली-भांति अवगत है। ज्ञात हो कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच गत नौ महीने से गतिरोध जारी है। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों की चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया। 

उन्होंने कहा, ‘‘आरम्भ में, इन सुधारों के विषय में आशंकाएं उत्पन्न हो सकती हैं। परंतु, इसमें कोई संदेह नहीं है कि किसानों के हित के लिए सरकार पूरी तरह समर्पित है।’’ कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बंधुता के संवैधानिक आदर्श के बल पर ही इस संकट का प्रभावी ढंग से सामना करना संभव हो सका। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि अनेक देशों के लोगों की पीड़ा को कम करने और महामारी पर काबू पाने के लिए दवाएं तथा स्वास्थ्य-सेवा के अन्य उपकरण विश्व के कोने-कोने में उपलब्ध कराने के लिए भारत को आज फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना की लगभग एक वर्ष की अप्रत्याशित अग्नि-परीक्षा के बावजूद भारत हताश नहीं हुआ बल्कि आत्म-विश्वास से भरपूर होकर उभरा है। 

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों से कोई न कोई सीख मिलती है और उनका सामना करने से शक्ति व आत्म-विश्वास में वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि इसी आत्म-विश्वास के साथ भारत ने कई क्षेत्रों में बड़े कदम उठाए हैं और पूरी गति से आगे बढ़ रहे हमारे आर्थिक सुधारों के पूरक के रूप में नए क़ानून बनाकर कृषि और श्रम के क्षेत्रों में ऐसे सुधार किए गए हैं, जो लम्बे समय से अपेक्षित थे। उन्होंने कहा, ‘‘आरम्भ में, इन सुधारों के विषय में आशंकाएं उत्पन्न हो सकती हैं। परंतु, इसमें कोई संदेह नहीं है कि किसानों के हित के लिए सरकार पूरी तरह समर्पित है।’’ 

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