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Hindi News भारत राष्ट्रीय किसानों से जुड़े विधेयकों पर बोले संजय राउत, पूछा- 'क्या फिर कोई किसान आत्महत्या नहीं करेगा"

किसानों से जुड़े विधेयकों पर बोले संजय राउत, पूछा- 'क्या फिर कोई किसान आत्महत्या नहीं करेगा"

शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सदन में कहा, "आज आप जो बिल ला रहे हैं जिसमें आपने कहा कि ये किसान के हित में है। क्या आप देश को आश्वस्त कर सकते हैं कि ये जो तीन बिल हैं ये मंज़ूर होने के बाद क्या हमारे किसानों की आय सच में डबल हो जाएगी और एक भी किसान इस देश में आत्महत्या नहीं करेगा।"

किसानों से जुड़े विधेयकों पर बोले संजय राउत, पूछा- 'क्या फिर कोई किसान आत्महत्या नहीं करेगा"- India TV Hindi Image Source : RSTV किसानों से जुड़े विधेयकों पर बोले संजय राउत, पूछा- 'क्या फिर कोई किसान आत्महत्या नहीं करेगा"

नई दिल्ली: भाजपा सरकार द्वारा राज्यसभा पेश किए गए किसानों से संबंधित विधेयकों का शिवसेना ने विरोध किया। शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सदन में कहा, "आज आप जो बिल ला रहे हैं जिसमें आपने कहा कि ये किसान के हित में है। क्या आप देश को आश्वस्त कर सकते हैं कि ये जो तीन बिल हैं ये मंज़ूर होने के बाद क्या हमारे किसानों की आय सच में डबल हो जाएगी और एक भी किसान इस देश में आत्महत्या नहीं करेगा।"

संजय राउत ने कहा, "प्रधानमंत्री ने कृषि बिल के बारे में कहा कि ये किसानों के लिए नई क्रांति है नई आज़ादी है। MSP और सहकारी खरीद की व्यवस्था खत्म नहीं की जाएगी, ये सिर्फ अफवाह है। तो क्या अकाली दल के एक मंत्री ने अफवाह पर भरोसा रखकर कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।" बता दें कि लोकसभा में इन विधेयकों के पास होने के बाद शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

विधेयकों को लेकर हरियाणा और पंजाब में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी हुए। इसी बीच पंजाब के बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने भी इसका विरोध किया और मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। हरसिमरत कौर ने अपने इस्तीफे में अपनी पार्टी और किसानों को एक दूसरे का पर्याय बताया है। उन्होंने कहा था कि किसानों के हितों से उनकी पार्टी किसी तरह का समझौता नहीं कर सकती।

ऐसे में अब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किए गए हैं। शिवसेना ने इनका विरोध किया है। इतनी ही नहीं कांग्रेस भी इनके खिलाफ है। राज्यसभा में रविवार को कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समाप्त करने और कॉर्पोरेट जगत को फायदा पहुंचाने के लिए दोनों नए कृषि विधेयक लेकर आई है। राज्यसभा में कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि यह विधेयक किसानों की आत्मा पर चोट हैं।

उन्होंने कहा कि अभी हर दिन कोरोना वायरस के हजारों मामले सामने आ रहे हैं और सीमा पर चीन के साथ तनाव है। बाजवा ने आरोप लगाया कि सरकार का इरादा MSP को खत्म करने का और कॉर्पोरेट जगत को बढ़ावा देने का है।  उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार ने नए कदम उठाने के पहले किसान संगठनों से बातचीत की थी? उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों विधेयक देश के संघीय ढांचे के साथ भी खिलवाड़ हैं।

उन्होंने कहा कि जिन्हें आप फायदा देना चाहते हैं, वे इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में नए कानूनों की जरूरत क्या है। उन्होंने कहा कि देश के किसान अब अनपढ़ नहीं हैं और वह सरकार के कदम को समझते हैं। बाजवा ने सवाल किया कि अगर सरकार के कदम किसानों के पक्ष में हैं तो भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी अकाली दल क्यों इसका विरोध कर रही है?

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