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Hindi News भारत राष्ट्रीय रामनवमी पर हथियारों के साथ रैली निकालने वालों पर भड़कीं ममता, कहा- कभी राम को बंदूक लिए किसी ने देखा है?

रामनवमी पर हथियारों के साथ रैली निकालने वालों पर भड़कीं ममता, कहा- कभी राम को बंदूक लिए किसी ने देखा है?

ममता बनर्जी ने कहा, क्या भगवान राम ने किसी से हथियारों व तलवार के साथ रैली करने को कहा था?

<p>mamata banerjee</p>- India TV Hindi mamata banerjee

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य प्रशासन को निर्देश दिया कि राज्य के आदेश की अवहेलना कर रामनवमी के मौके पर हथियारों के साथ रैली निकालने वालों पर 'सख्त कार्रवाई' की जाए। ममता बनर्जी ने कहा कि हथियारों के साथ रैली निकालना बंगाल की संस्कृति का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस गुंडागर्दी का सहारा ले रहे हैं, वे वास्तव में धर्म का राजनीतिकरण करने व इसे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, "क्या भगवान राम ने किसी से हथियारों व तलवार के साथ रैली करने को कहा था? क्या हम राज्य प्रशासन व कानून व व्यवस्था को इन गुंडों के हाथों में छोड़ सकते हैं, कौन राम को बदनाम कर रहा है? मैं पुलिस महानिदेशक (डीजी) व सभी पुलिस अधीक्षकों को इस तरह की रैली आयोजित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दे रही हूं। किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि हथियारों पर बैन लगाए जाने के बावजूद इन्हें रैली में लाया गया। साथ उन्होंने यह सवाल भी पूछा कि क्या कभी राम को बंदूक लिए किसी ने देखा है?

ममता बनर्जी ने दक्षिण 24 परगना की जिला स्तरीय प्रशासनिक बैठक में कहा, "यदि पुलिस का कोई सदस्य किसी भी तरह से इस मुद्दे को नजरअंदाज करता है तो मैं उसके खिलाफ कार्रवाई करूंगी।" उन्होंने कहा, "लोग बीते कल (रविवार) की कुछ रैलियों को देखकर डरे हुए हैं। यह बंगाल की संस्कृति नहीं है। मैं एक स्पष्ट संदेश दे रही हूं कि यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वे धर्म के नाम पर व्यापार कर रहे हैं और धर्म को बदनाम कर रहे हैं। इस मुद्दे को भविष्य के लिए नहीं छोड़ा जा सकता है। इसके साथ दृढ़ता से निपटना है।"

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य प्रशासन ने कुछ संगठनों को, जो रामनवमी एक दशक से ज्यादा समय से आयोजित करते हैं, पारंपरिक हथियारों के साथ जुलूस निकालने की अनुमति दी थी। लेकिन, जो धार्मिक रैलियों के नाम पर गुंडागर्दी कर रहे हैं, उन पर शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।

उन्होंने कहा, "मैंने शांतिपूर्ण रैलियों की इजाजत दी थी। न कि किसी एक को राम के नाम पर बंदूक व तलवार की तथा दूसरे समुदाय के इलाके में दाखिल होकर वहां हत्या करने की।" उन्होंने कहा, "कुछ असामाजिक तत्वों ने सड़कों पर निकलकर तलवार व बंदूकों के साथ समस्या पैदा की। यह बंगाल में नहीं हो सकता। बंगाल की एक अलग संस्कृति रही है। हम सभी तरह के त्योहार मनाते हैं और इसमें दुर्गा पूजा से लेकर रमजान व क्रिसमस शामिल है, लेकिन हमेशा शांति व सौहार्द बनाए रखा जाता है।"

बंगाल सरकार के सार्वजनिक तौर पर हथियार ले जाने की रोक का उल्लंघन करते हुए रामनवमी पर कई हथियारबंद रैलियां संघ से जुड़े संगठनों ने राज्य के विभिन्न भागों में निकालीं थीं। इनमें बीरभूम, पश्चिम मिदनापुर, हावड़ा व कोलकाता के कुछ स्थान शामिल है। इन जगहों पर पुरुष, महिलाओं व बच्चों तक ने भगवा झंडे लहराते हुए धारदार हथियारों जैसे तलवार, चाकूओं के साथ रैली निकाली।

पुरुलिया जिले में रामनवमी के जुलूस के दौरान दो समूहों में हुई झड़प के बाद एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई व पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए। यहां हजारों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता तलवारों के साथ जश्न मनाने के लिए निकले थे।

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