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कोरोना वायरस के प्रकोप से मुक्ति के लिए अपने इष्ट देवों से प्रार्थना करें: पूर्व लोकसभा अध्यक्ष

कोरोना वायरस संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित शहरों में शामिल इंदौर में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आम लोगों से कहा है कि इस महामारी के प्रकोप से मुक्ति के लिए वे सोमवार सुबह आधे घंटे तक अपने इष्ट देवों से प्रार्थना करें।

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इंदौर (मध्यप्रदेश): कोरोना वायरस संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित शहरों में शामिल इंदौर में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आम लोगों से कहा है कि इस महामारी के प्रकोप से मुक्ति के लिए वे सोमवार सुबह आधे घंटे तक अपने इष्ट देवों से प्रार्थना करें। चुनावी सियासत से संन्यास ले चुकीं भाजपा की 77 वर्षीय नेता के इस "निवेदन" के बाद सूबे के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने निशाना साधते हुए कहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछना चाहिए कि उनके "सपनों के शहर" इंदौर में कोविड-19 से बड़ी संख्या में लोगों की मौत कैसे हुई?

सोशल मीडिया पर हाल ही में सामने आए वीडियो संदेश में महाजन ने कहा, "डॉक्टर, सरकारी अफसर, पुलिस अधिकारी और अन्य लोग कोरोना वायरस से मैदानी लड़ाई लड़ रहे हैं। हम भी अपने घर में बैठकर एक काम कर सकते हैं। हम अपने घरों में 20 अप्रैल (सोमवार) को सुबह 10:30 बजे रुद्र का पाठ कर सकते हैं और महामृत्युंजय मंत्र की एक माला जप सकते हैं।" उन्होंने कहा, "अगर आप (आम लोग) ये दोनों काम नहीं कर सकते हैं, तो मेरा निवेदन है कि अहिल्या माता (इंदौर के पूर्व होलकर राजवंश की शासक जो अपनी शिवभक्ति के लिए भी प्रसिद्ध थीं) के स्मरण के साथ आधे घंटे तक अपने इष्ट देवों का जाप करते हुए प्रार्थना करें कि वे हमें कोरोना वायरस के प्रकोप से मुक्ति दिलायें।"

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह यह "निवेदन" शहर की सामाजिक संस्था "अहिल्योत्सव समिति" की ओर से कर रही हैं। वह इस समिति की प्रमुख हैं। महाजन, इंदौर क्षेत्र में "ताई" (मराठी में बड़ी बहन का संबोधन) के रूप में मशहूर हैं। उनके वीडियो संदेश पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा, "इष्ट देवों से प्रार्थना को लेकर आम लोगों से ताई की अपील पर हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन भाजपा की वरिष्ठतम नेताओं में शामिल होने के नाते उन्हें सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछना चाहिये था कि जिस इंदौर को वह अपने सपनों का शहर बताते फिरते हैं, वहां कोविड-19 से बड़ी संख्या में लोगों की मौत कैसे हो गई? उन्हें मुख्यमंत्री से यह भी पूछना चाहिए था कि कर्फ्यू के दौरान शहर की आम जनता राशन के लिए परेशान क्यों हो रही है?"

शुक्ला ने कहा कि कोविड-19 से जुड़े इन बुनियादी सवालों पर महाजन की कथित चुप्पी इंदौर क्षेत्र के मतदाताओं को आहत करने वाली है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "इंदौर के मतदाता ताई से अपेक्षा कर रहे थे जिस नेता को उन्होंने बरसों तक अपना नुमाइंदा चुनकर लोकसभा पहुंचाया था, वह इस विकट समय में उनकी मदद के लिए मैदान संभालेंगी।"

महाजन ने इंदौर से वर्ष 1989 से 2014 के बीच लगातार आठ बार लोकसभा चुनाव जीते थे। लेकिन 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को चुनाव नहीं लड़ाने के भाजपा के नीतिगत निर्णय को लेकर मीडिया में खबरें आने के बाद उन्होंने वक्त की नजाकत भांपते हुए पांच अप्रैल 2019 को खुद घोषणा की थी कि वह बतौर उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगी। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इंदौर जिले में रविवार सुबह तक कोविड-19 के कुल 890 मरीज हैं। इनमें से 49 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस के मरीज मिलने के बाद से प्रशासन ने 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है।

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