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Hindi News भारत राष्ट्रीय इंदौर में स्वाद के शौकीनों की लापरवाही बढ़ा रही कोविड-19 का खतरा

इंदौर में स्वाद के शौकीनों की लापरवाही बढ़ा रही कोविड-19 का खतरा

प्रशासन ने आम लोगों को आगाह किया है कि वे दवा, फल-सब्जियों, नाश्ते, चाट और खाने-पीने की दुकानों में संक्रमण से बचाव की पूरी सावधानी बरतें।

<p>Street Food</p>- India TV Hindi Image Source : FILE Street Food

इंदौर। देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में इस महामारी का प्रकोप बढ़ने के मद्देनजर प्रशासन ने आम लोगों को आगाह किया है कि वे दवा, फल-सब्जियों, नाश्ते, चाट और खाने-पीने की दुकानों में संक्रमण से बचाव की पूरी सावधानी बरतें। प्रशासन ने यह बात ऐसे वक्त कही है, जब जिले में कोविड-19 के रोजाना मिलने वाले मामलों की तादाद लगातार दूसरे दिन 100 से ज्यादा दर्ज होने से महामारी को लेकर आम-ओ-खास की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। 

इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने शुक्रवार को बताया कि जिले में पिछले दो दिन के दौरान कोविड-19 के क्रमशः 136 और 129 नये मामले मिलने के बाद इस महामारी के मरीजों की कुल तादाद बढ़कर 5,761 पर पहुंच गयी है। उन्होंने यह भी बताया कि जिले में अब तक कुल 284 मरीज कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं, जबकि 4,139 लोग इलाज के बाद इस संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। 

इस बीच, जिलाधिकारी मनीष सिंह ने खाने-पीने की दुकानों में ग्राहकों की लापरवाही पर चिंता जताते हुए कहा, "आप देख सकते हैं कि शहर के पढ़े-लिखे लोग भी चाट की दुकानों पर पास-पास खड़े होकर पानी-बताशे खा रहे हैं और आपस में बातें भी कर रहे हैं।" सिंह ने बताया, "हमें अधिकतर मामलों में पता चला है कि कोविड-19 से संक्रमित पाये गये लोग नियमित तौर पर फल-सब्जी और दवा खरीदने जाते थे या वे खाने-पीने की दुकानों में गये थे।" उन्होंने कहा, "सुबह के नाश्ते के रूप में पोहे-कचौरी खाना स्थानीय लोगों का शौक है। लेकिन पोहे-कचौरी की जिन दुकानों पर भीड़ देखने को मिली है, वे दुकानें कोविड-19 का संक्रमण फैलने का बहुत बड़ा केंद्र है।" 

सिंह ने जोर देकर कहा कि प्रशासन, पुलिस तथा नगर निगम के कारिंदों को निगरानी के लिये हर जगह तैनात नहीं किया जा सकता और आम लोगों को अपने स्तर पर भी कोविड-19 से बचाव की पूरी सावधानी रखनी होगी। जिले में कोविड-19 के प्रकोप की शुरूआत 24 मार्च से हुई, जब पहले चार मरीजों में इस महामारी की पुष्टि हुई थी। 

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