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Hindi News भारत राष्ट्रीय कश्मीर में अमन बहाली के उपायों का असर दिखने लगा: राजनाथ सिंह

कश्मीर में अमन बहाली के उपायों का असर दिखने लगा: राजनाथ सिंह

केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि पिछले एक वर्ष में कश्मीर घाटी में शांति बहाली के प्रयासों का असर सतह पर दिखने लगा है।

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श्रीनगर: केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि कश्मीर घाटी में शांति बहाली के प्रयासों का असर सतह पर दिखने लगा है। जम्मू-कश्मीर की चार दिवसीय यात्रा पर पहुंचे सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य के हालात में काफी सुधार हुआ है और वह कश्मीर समस्या के पुराने विवादित पहलुओं के समाधान के लिये किसी भी व्यक्ति से मिलने के लिये तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में शांति का वृक्ष सूखा नहीं है। कश्मीर मुद्दे का स्थाई सामाधान ..... सहानुभूति, संवाद, सहअस्तित्व, विास बहाली और स्थिरता... पर आधारित है। 

उन्होंने कहा, 'यहां तमाम शिष्टमंडलों से मिलने और बैठकों के बाद, मैं समझाता हूं कि कश्मीर में हालात काफी सुधरे हैं। मैं यह दावा नहीं करना चाहता कि अब सबकुछ बिल्कुल ठीक है, लेकिन यह बात मैं दृढ़ विश्वास से कह सकता हूं हालात सुधर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के साथ बातचीत की है और वह सेना के जवानों से भी मिलेंगे। 

यह पूछने पर कि क्या सरकार अलगाववादियों के साथ बातचीत के लिए तैयार है, गृहमंत्री ने कहा, 'मैं ऐसे किसी भी व्यक्ति से मिलने को तैयार हूं जो कश्मीर की समस्या सुलझाने में हमारी मदद करने को इच्छुक है। इसमें बातचीत के लिये औपचारिक या अनौपचारिक न्योता देने का कोई प्रश्न ही नहीं है। जो बात करना चाहते हैं, वह स्वयं आगे आयें। मैं हमेशा खुले मन के साथ यहां आता हूं। उन्होंने कहा कि सरकार शांति बहाली से जुड़े ऐसे किसी पक्षकार को बातचीत की प्रक्रिया बाहर नहीं रखना चाहती, जिनके साथ बातचीत की जानी चाहिए। सिंह ने पाकिस्तान से राज्य में आतंकवादियों की घुसबैठ बंद करने को भी कहा जिससे गरिमामय तरीके से शांति बहाली सुनिश्चित हो सके। 

गृह मंत्री ने कहा कि एएसआई अब्दुल रशीद को आज श्रद्धांजलि अर्पित करते समय मैंने एक बार फिर उनकी बेटी जोहरा की तस्वीर देखी, मैं उस बच्ची का चेहरा भूल नहीं सकता हूं। हम कश्मीर के प्रत्येक नौजवान के चेहरे पर मुस्कुराहट और खुशी देखना चाहते हैं और इस दिशा में हमारी कोशिशें जारी रहेंगी। रशीद हाल ही में आतंकवादियों के साथ सुरक्षा बलों की एक मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गये थे, बाद में उनका निधन हो गया। 

सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने मई 2014 में कार्यभार संभालने के दिन से ही पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसियों से आपसी रिश्ते बेहतर बनाने के संजीदा प्रयास तेज कर दिये थे। इसी कवायद के तहत प्रधानमंत्री ने शपथ ग्रहण समारोह में सभी पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया था। आमंत्रण के पीछे की मंशा साफ थी कि इसका मकसद हाथ मिलाना मात्र नहीं था बल्कि दिल से दिल का रिश्ता कायम करना था। इतना ही प्रधानमंत्री प्रोटोकॉल तोड़कर भी एक कार्यक्रम में शिरकत करने वहां गये। हमने रिश्ते बेहतर करने के लिये हर संभव उपाय किये। हमने यह कभी नहीं कहा कि हम अपने पड़ोसियों से बेहतर रिश्ते बनाना नहीं चाहते हैं, हम अच्छे रिश्ते कायम करना चाहते हैं। 

सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम दोस्त तो बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं। लेकिन हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान क्या कर रहा है वे हमारी सीमा में आतंकवादियों की घुसपैठ करा रहे हैं। मैं पाकिस्तान से कहूंगा कि इसे रोका जाना चाहिये। वाजपेयी हों या प्रधानमंत्री मोदी, हर किसी ने अपने स्तर पर बेहतर प्रयास किये लेकिन इसके एवज में पाकिस्तान का वह रवैया कभी नहीं रहा जो होना चाहिये था। 

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