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Hindi News भारत राष्ट्रीय जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल राज्यसभा में पास, पक्ष में 125 और विरोध में पड़े 61 वोट

जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल राज्यसभा में पास, पक्ष में 125 और विरोध में पड़े 61 वोट

The Jammu and Kashmir Reorganisation Bill, 2019 passed by Rajya Sabha

The Jammu and Kashmir Reorganisation Bill, 2019 passed by Rajya Sabha- India TV Hindi The Jammu and Kashmir Reorganisation Bill, 2019 passed by Rajya Sabha

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने के लिए राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 पास हो गया है। बिल के पक्ष में 125 और विरोध में 61 वोट पड़े। अब जम्मू-कश्मीर दिल्ली और पुड्डुचेरी की तरह केंद्र शासित प्रदेश रहेगा यानी यहां विधानसभा रहेगी। वहीं लद्दाख की स्थिति चंडीगढ़ की तरह होगी, जहां विधानसभा नहीं होगी। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने अमित शाह बिल के पास होने पर बधाई दी। 

आपको बता दें कि अनुच्‍छेद 370 को संविधान के21 वें अध्याय में अस्थायी, विशेष संक्रमणकालीन और अतिरिक्त विधायी प्रक्रिया के रूप में शामिल किया गया था। ऐसा इसलिए ताकि राज्य के अपने संविधान निर्माण तक प्रतीक्षा न करते हुए आवश्यक वैधानिक प्रावधानों को लागू किया जा सके। इसके अनुसार, भारतीय संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है लेकिन किसी अन्य विषय से संबंधित कानून को लागू करवाने के लिए केंद्र को राज्य की सरकार से अनुमोदन कराना होगा।

The Jammu and Kashmir Reorganisation Bill, 2019 passed by Rajya Sabha

क्या है आर्टिकल 370?

जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा ने 27 मई, 1949 को कुछ बदलाव सहित आर्टिकल 306ए (अब आर्टिकल 370) को स्वीकार कर लिया। भारतीय संविधान को 26 नवंबर, 1949 को अंगीकृत किया गया था। लेकिन इससे करीब एक महीना पहले 17 अक्टूबर, 1949 को आर्टिकल 306ए भारतीय संविधान का हिस्सा बन गया। 'इंस्ट्रूमेंट्स ऑफ ऐक्सेशन ऑफ जम्मू ऐंड कश्मीर टु इंडिया' की शर्तों के मुताबिक, आर्टिकल 370 में यह उल्लेख किया गया कि देश की संसद को जम्मू-कश्मीर के लिए रक्षा, विदेश मामले और संचार के सिवा अन्य किसी विषय में कानून बनाने का अधिकार नहीं होगा। साथ ही, जम्मू-कश्मीर को अपना अलग संविधान बनाने की अनुमति दे दी गई।

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