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Hindi News भारत राष्ट्रीय दिल्ली में नागरिकता कानून को लेकर कई जगह हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन

दिल्ली में नागरिकता कानून को लेकर कई जगह हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन

संशोधित नागरिकता कानून को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा और अलग-अलग जगहों पर हजारों की संख्या में लोग इस कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे जिस दौरान एक कार को भी आग लगा दी गई।

citizenship law- India TV Hindi Image Source : PTI Thousands protest over citizenship law in multiple locations in Delhi

नयी दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा और अलग-अलग जगहों पर हजारों की संख्या में लोग इस कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे जिस दौरान एक कार को भी आग लगा दी गई। दिल्ली में विरोध प्रदर्शनों का केंद्र जामा मस्जिद के आस-पास के इलाके थे जहां मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया। भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद हाथ में संविधान की प्रति पकड़ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे लेकिन दिल्ली गेट इलाके में उन्हें रोक दिया गया जहां बड़ी संख्या में अवरोधक लगाए गए थे। 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी अपनी बेटी मिराया के साथ प्रदर्शन में शामिल होने शाम को इंडिया गेट के पास स्थित मैदान में पहुंचीं। यह दूसरा मौका है जब कांग्रेस नेता इस हफ्ते नए कानून के खिलाफ प्रदर्शन के लिये इंडिया गेट पहुंचीं। पुलिस द्वारा दिल्ली गेट इलाके में प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने के लिये बल प्रयोग किये जाने पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया। इस दौरान मची अफरा-तफरी के बीच एक कार को आग लगा दी गई जबकि कई अन्य गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने दरियागंज में हुए हिंसक प्रदर्शन के संबंध में 40 लोगों को हिरासत में लिया है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि पथराव में उसके संयुक्त आयुक्त स्तर के एक अधिकारी समेत कई पुलिसकर्मियों को चोट लगी है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एम एस रंधावा ने बताया, “हमने कई लोगों को हिरासत में लिया है। कुछ बाहरी लोगों ने इलाके में हिंसा भड़काई।” 

पुलिस ने भीड़ को वहां से हटाने के लिये लाठी चार्ज किया और स्थिति अपने नियंत्रण में ली। जामा मस्जिद की तरफ जाने वाली सड़क पर लोगों के चप्पल-जूते और पत्थर बिखरे पड़े थे। इलाके में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा था। हिंसा शुरू होने से घंटों पहले दिल्ली गेट इलाके में एक मस्जिद से ऐलान कर लोगों से शांति बनाए रखने और घरों में लौट जाने की अपील की गई क्योंकि वे पहले ही इस नए कानून को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया, सीमापुरी, जंतर-मंतर, इंडिया गेट और पूर्वोत्तर दिल्ली के सीलमपुर समेत कई इलाकों में प्रदर्शन हुए। सीलमपुर में मंगलवार को भी हिंसक प्रदर्शन हुए थे। दरियागंज में प्रदर्शनकारियों ने नए कानून को रद्द करने की मांग को लेकर “कमीज उतार कर” प्रदर्शन किया। कई प्रदर्शनकारियों ने प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ भी प्रदर्शन किया। 

पुलिस ने कहा कि सीमापुरी इलाके से लोगों के एक समूह द्वारा पथराव किये जाने का मामला सामने आया जहां पुलिस के एक अतिरिक्त उपायुक्त को मामूली चोट आई है। प्रदर्शनों और निषेधाज्ञा के मद्देनजर शहर में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को ट्रैफिक जाम रहा। शहर में इस कानून के खिलाफ गुरुवार को भी कई जगहों पर प्रदर्शन हुए थे। सीएए के विरोध में प्रदर्शनों में भाग लेने जा रहे लोगों की आवाजाही नियंत्रित करने के लिहाज से राजीव चौक, चावड़ी बाजार, लाल किला, जामा मस्जिद और दिल्ली गेट सहित कम से कम 18 स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वारा शुक्रवार को बंद कर दिए। लोगों की भीड़ पर नजर रखने के लिये पुलिस ने कई जगह ड्रोन भी तैनात किये थे।

अधिकारियों ने कहा कि पूर्वोत्तर दिल्ली के 12 पुलिस थाना क्षेत्रों ने निषेधाज्ञा लागू की गई थी। पुलिस ने सुबह सीलमपुर इलाके में फ्लैग मार्च किया। सीएए के विरोध में गृह मंत्री अमित शाह के आवास के पास प्रदर्शन के दौरान दिल्ली महिला कांग्रेस की प्रमुख और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी को संगठन के कुछ अन्य सदस्यों के साथ हिरासत में लिया गया। 

क्नॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में सीएए के समर्थन में एक प्रदर्शन का आयोजन किया गया जहां लोगों ने मोदी सरकार और दिल्ली पुलिस के समर्थन में नारेबाजी की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने जनता की आवाज का पूरी तरह अपमान किया है और असहमति को दबाने के लिए क्रूरता से बल का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि सीएए भेदभावपूर्ण है तथा प्रस्तावित एनआरसी खासकर गरीबों और वंचितों को प्रभावित करेगा।

सीएए और एनआरसी के लिये लोगों के निशाने पर आई सरकार के बचाव में आए अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन, केंद्रीय वक्फ़ कौंसिल के सदस्य, देश भर में शैक्षिक संस्थानों, धार्मिक प्रतिनिधियों, गैर-सरकारी संगठनों, आम लोगों से संपर्क-संवाद कर समाज के बड़े वर्ग में पैदा की जा रही ‘सियासी साजिश’ से उत्पन्न गलतफ़हमी को दूर कर झूठ और दुष्प्रचार को बेनकाब करने का अभियान शुरू करेंगे।

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