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Hindi News भारत राष्ट्रीय विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव पर कानूनी सलाह ले सकते हैं उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव पर कानूनी सलाह ले सकते हैं उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

 कानून के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, किसी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और एक निष्पक्ष कानूनविद की तीन सदस्यीय समिति इस मामले को देखेगी। 

<p><span style="color: #333333; font-family: sans-serif,...- India TV Hindi Image Source : PTI उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू।

नई दिल्ली: विपक्षी दलों की ओर से प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को सौंपे जाने के बाद, अब सभापति संभवत: इसे स्वीकार करने या खारिज करने से पहले कानूनी राय लेंगे। अगर प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो कानून के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, किसी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और एक निष्पक्ष कानूनविद की तीन सदस्यीय समिति इस मामले को देखेगी। एक न्यायाधीश को उसके पद से संसद द्वारा उसके खिलाफ 'दुर्व्यवहार या अक्षमता' साबित होने के बाद हटाया जा सकता है। संविधान में बताया गया है कि एक न्यायाधीश को संसद के दोनों सदनों से प्रस्ताव पारित होने के बाद राष्ट्रपति के आदेश के बाद ही हटाया जा सकता है।

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने का प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 124 में वर्णित है और इस प्रक्रिया के बारे में विस्तार से न्यायाधीश जांच अधिनियम,1968 में बताया गया है। महाभियोग  प्रस्ताव तभी आगे बढ़ाया जा सकता है जब राज्यसभा के कम से कम 50 सदस्य या लोकसभा के 100 सदस्य प्रेसाइडिंग ऑफिसर को हस्ताक्षर किया हुआ नोटिस देते हैं। शुक्रवार को जो अर्जी नायडू को सौंपी गई, उस पर राज्यसभा के चौंसठ सदस्यों के हस्ताक्षर हैं। 

 

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