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Hindi News भारत राष्ट्रीय फोन में पड़े चाइनीज ऐप का अब क्या करें? साइबर एक्सपर्ट प्रशांत माली से जानिए

फोन में पड़े चाइनीज ऐप का अब क्या करें? साइबर एक्सपर्ट प्रशांत माली से जानिए

क्राइम साइबर एक्सपर्ट प्रशांत माली ने भारत द्वारा चीन के 59 मोबाइल एप को बैन करने को लेकर अपनी राय दी। उन्होनें बताया कि सरकार ने आईटी अधिनियम, 2000 के S69 (ए) के तहत यह कर्रवाई की है।

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नई दिल्ली: क्राइम साइबर एक्सपर्ट प्रशांत माली ने भारत द्वारा चीन के 59 मोबाइल ऐप को बैन करने को लेकर अपनी राय दी। उन्होनें बताया कि सरकार ने आईटी अधिनियम, 2000 के S69 (ए) के तहत यह कर्रवाई की है। सरकार की कार्रवाई के बाद आपके फ़ोन से ऐप्स गायब नहीं होंगे, लेकिन ऐप सर्वर से कनेक्शन नहीं होगा। 

उनकी सलाह

  1. इन ऐप्स को हटाने के बजाय फोन को रीसेट करें।
  2. रीसेट करने से पहले डेटा का बैकअप लें।
  3. ये ऐप्स अभी भी आपके फोन पर काम करेंगे। वे असुरक्षित हो सकते हैं और हैकर्स आपके फोन को अपडेट नहीं किए गए ऐप्स के जरिए नियंत्रित कर सकते हैं।
  4. टीकटॉक टैलेंट 'लोगो रिमूविंग एप' का उपयोग कर सकते हैं और उन वीडियो को भारतीय ऐप्स पर अपलोड कर सकते हैं। 

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आपको बता दें कि भारत में अब VIGo, यूसी ब्राउजर, BIGO Live, WE MEET, शेयर इट, Clash of King समेत कुल 59 चाइनीज मोबाइल एप बैन किए हैं। आईटी मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं। इन रिपोर्ट में कहा गया है कि ये एप ‘‘उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें भारत के बाहर स्थित सर्वर को अनधिकृत तरीके से भेजते हैं।’’

बयान में कहा गया, ‘‘भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति शत्रुता रखने वाले तत्वों द्वारा इन आंकड़ों का संकलन, इसकी जांच-पड़ताल और प्रोफाइलिंग, आखिरकार भारत की संप्रभुता और अखंडता पर आधात है, यह बहुत अधिक चिंता का विषय है, जिसके लिए आपातकालीन उपायों की जरूरत है।’’

गृह मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने इन दुर्भावनापूर्ण एप्स पर व्यापक प्रतिबंध लगाने की सिफारिश भी की थी। बयान में कहा गया है, ‘‘इनके आधार पर और हाल ही में विश्वसनीय सूचनाएं मिलने पर कि ऐसे ऐप भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा हैं, भारत सरकार ने मोबाइल और गैर-मोबाइल इंटरनेट सक्षम उपकरणों में उपयोग किए जाने वाले कुछ एप के इस्तेमाल को बंद करने का निर्णय लिया है।’’

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