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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'हमारा बहिष्कार क्यों किया जा रहा है', निपाह के हाथों अपने पति को गंवा बैठी महिला ने पूछा

'हमारा बहिष्कार क्यों किया जा रहा है', निपाह के हाथों अपने पति को गंवा बैठी महिला ने पूछा

इतनी बड़ी क्षति से उबरने का प्रयास कर रहे इस गरीब परिवार ने दावा किया कि कुराचुंडू वडाचीरा में उसके टूटे-फूटे मकान के बाहर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एक प्लास्टिक बैग रखकर चले गये जिनमें मास्क और दस्ताने थे...

<p>Kozhikode</p>- India TV Hindi Kozhikode

कोझिकोड: कुछ दिन पहले निपाह विषाणु के हाथों अपने पति राजन को गंवा बैठी सिंधु ने सिसकते हुए सवाल किया कि ‘हमारा बहिष्कार क्यों किया जा रहा है? हमने क्या गलती की है?’ केरल के कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में अबतक इस विषाणु से 11 लोगों की मौत हो चुकी है।

इतनी बड़ी क्षति से उबरने का प्रयास कर रहे इस गरीब परिवार ने दावा किया कि कुराचुंडू वडाचीरा में उसके टूटे-फूटे मकान के बाहर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एक प्लास्टिक बैग रखकर चले गये जिनमें मास्क और दस्ताने थे। सिंधू ने कहा, ‘‘उन्होंने उसे देने के लिए हमारे घर में आने की जहमत नहीं उठाई।’’ राजन के परिवार में पत्नी सिंधु, दो बेटियां सांदरा और स्वाति तथा उसकी मां नारायणी हैं।

एक अन्य रिश्तेदार ने कहा, ‘‘परिवार बाहर की दुनिया के संपर्क में नहीं है। हम पूरी तरह कट गये हैं। इस घड़ी में कोई भी हमें दिलासा देने नहीं आ रहा है।’’ निपाह प्रभावित कई परिवारों ने अलग-थलग किये जाने की शिकायत की है क्योंकि लेागों को इस दुर्लभ विषाणु की चपेट में आ जाने का डर है।

यहां तक की पेराम्बरा तालुक अस्पताल के कर्मचारियों ने भी भेदभाव की शिकायत की है। इसी अस्पताल में निपाह के कुछ मरीजों का इलाज हुआ था और नर्स लिनि पुथुस्सेरी की उसकी चपेट में आ जाने के बाद 21 मई को मौत हो गई थी। अस्पताल के कर्मचारियों ने कोझिकोड जिला चिकित्सा अधिकारियों से शिकायत की कि उन्हें बसों में यात्रा नहीं करने दिया जा रहा है और ऑटो रिक्शा उन्हें उनके कार्यस्थल तक ले जाने से इनकार कर देते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम बस में चढ़ जाते हैं तो लोग हमारे साथ नहीं बैठते.... ऑटो रिक्शा वाले हमें ले जाने से मना कर देते हैं।’’ इसका संज्ञान लेते हुए केरल राज्य मानवाधिकार आयोग ने जिला पुलिस प्रमुख और कोझिकोड जिला चिकित्सा अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है।

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