A
Hindi News भारत राष्ट्रीय कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी? जानिए आईएपी एडवाइजरी में क्या कहा गया

कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी? जानिए आईएपी एडवाइजरी में क्या कहा गया

पेडियाट्रिक्स एसोसिएशन (IAP/भारतीय बाल रोग अकादमी) ने एडवाइजरी में कहा कि अभी तक 90 प्रतिशत बच्चों में संक्रमण या तो माइल्ड या asympotemetic रहा है।

कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी? जानिए आईएपी एडवाइजरी में क्या कहा गया - India TV Hindi Image Source : PTI FILE PHOTO कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी? जानिए आईएपी एडवाइजरी में क्या कहा गया 

नई दिल्ली। पेडियाट्रिक्स एसोसिएशन (IAP/भारतीय बाल रोग अकादमी) ने एडवाइजरी में कहा कि अभी तक 90 प्रतिशत बच्चों में संक्रमण या तो माइल्ड या asympotemetic रहा है। एसोसिएशन ने ये भी कहा कि ये जरूरी नहीं कि तीसरी वेव बच्चों को प्रभावित ही करे। अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि तीसरी वेब में बच्चे गंभीर रूप से बीमार हों। बहुत कम संख्या में बच्चों के ऐसे केसेस आए हैं जिसमे वो गंभीर बीमार हुए हैं। उनका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

एडवाइजरी में ये भी कहा गया है कि अगर तीसरी वेव आती है तो वो नॉन-इम्यून और बच्चों को संक्रमित कर सकता है। IAP ने पेरेंट्स को सलाह दी है कि वो बच्चों के मानसिक स्थिति पर नजर रखे। बच्चों का बर्ताव हिंसक नहीं होना चाहिए। पहली और दूसरी वेव के आंकड़ों के मुताबिक, गंभीर रूप से संक्रमित बच्चों को भी ICU की जरूरत नहीं पड़ी।

IAP द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में विशेष रूप से कहा गया कि अभी तक ऐसी कोई दवा नहीं आई है जो बच्चों को कोरोना संक्रमण होने से बचा सके। हाल ही में सिर्फ व्यस्कों के लिए टीकाकरण शुरू हुआ है। बच्चों में बुखार कोरोना वायरस से हुआ है या कोई और इंफेक्शन है, यह पता लगाना मुश्किल है। डॉक्टरों के लिए भी लेकिन अभी के दिनों में अगर बुखार, खांसी, सर्दी होती है और अगर परिवार में किसी और व्यक्ति को करोना हुआ है तो यह माना जा सकता है।

सामान्य तौर पर बच्चों में कोरोना के लक्षण सर्दी, खांसी, बुखार हुआ करता था लेकिन इस बार दूसरी वेव में जो देखा गया है कि पेट में दर्द, लूज मोशन इत्यादि भी कोरोना के लक्षण पाए गए हैं। बच्चों का कोरोना का टेस्ट तब कराना चाहिए जब बुखार तीन दिन से ज्यादा रहे या घर में कोई कोरोना पॉजिटिव हो तो। RT-PCR या RAT टेस्ट जरूरी है। लेकिन नेगेटिव होने के लिए RT-PCR जरूरी है। अगर मां और बच्चे दोनों संक्रमित हो तो बच्चे को मां के साथ ही रहने देना चाहिए तब तक जब तक की मां बहुत ज्यादा गंभीर रूप से बीमार ना हो जब तक हो सके बच्चे को मां स्तनपान करा सकती है।

Latest India News