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Hindi News भारत राष्ट्रीय भविष्य के संघर्षों के लिए तैयार रहें सशस्त्र बल, राजनाथ सिंह ने ऐसा क्यों कहा...

भविष्य के संघर्षों के लिए तैयार रहें सशस्त्र बल, राजनाथ सिंह ने ऐसा क्यों कहा...

स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर सवार गोवा तट के वरिष्ठ नौसेना अधिकारियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य के अप्रत्याशित संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा। लगातार विकसित हो रही विश्व व्यवस्था ने सभी को फिर से रणनीति बनाने के लिए मजबूर किया है।

Armed forces should be ready for future unpredictable conflict why did defence minister Rajnath Sing- India TV Hindi Image Source : PTI सशस्त्र बलों को रक्षामंत्री ने दी सलाह...

देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार के दिन कहा कि भविष्य के अप्रत्याशित संघर्ष के लिए सशस्त्र बल तैयार रहें। बढ़ते खतरों के खिलाफ प्रभावी ढंग से निपटा जा सके, इस लिहाज से सशस्त्र बलों को अपनी क्षमताओं को विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन से सटे समुद्र तट पर लगातार निगरानी रखनी होगी। स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर सवार गोवा तट के वरिष्ठ नौसेना अधिकारियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य के अप्रत्याशित संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा। लगातार विकसित हो रही विश्व व्यवस्था ने सभी को फिर से रणनीति बनाने के लिए मजबूर किया है।

अर्थव्यवस्था में दे रहा सहयोग

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 6 मार्च को भारत के पहले स्वदेशी विमान वाहक आईएनएस विक्रांत पर आयोजित नौसेना कमांडरों के सम्मेलन के दौरान भारतीय नौसेना की परिचालन की क्षमताओं की समीक्षा की। कमांडरों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सामाजिक और आर्थिक प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए सीमाओं की सुरक्षा पहली आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र एक प्रमुक निर्माता के रूप में उभरा है, जो अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है।

हमारा रक्षा क्षेत्र रनवे पर

रक्षामंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि रक्षा क्षेत्र के लिए अगले 5-10 साल महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इस दौरान रक्षा क्षेत्र में 100 बिलियन से अधिक के ऑर्डर दिए जाने की संभावना है। ऐसे में रक्षा क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाएगा। हमारा रक्षा क्षेत्र जल्द ही अर्थव्यवस्था को बदल देगा। फिलहाल हमारा रक्षा क्षेत्र रनवे पर है जो कि जल्द ही उड़ान भरने वाला है। अगर हम खुद को दुनिया को शीर्ष शक्तियों में देखना चाहते हैं तो हमें रक्षा क्षेत्र में महाशक्ति बनने की दिशा में काम करना होगा।

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