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Hindi News भारत राष्ट्रीय सरकारी आवास में 22 एसी लगाने वाले असम के स्पीकर की सलाह, बोले- गर्मी से राहत के लिए पेड़ों के नीचे बैठें

सरकारी आवास में 22 एसी लगाने वाले असम के स्पीकर की सलाह, बोले- गर्मी से राहत के लिए पेड़ों के नीचे बैठें

असम विधानसभा के अध्यक्ष ने भीषण गर्मी के बीच बढ़ते बिजली के बिलों को लेकर लोगों को सलाह दी है कि वे राहत के लिए पेड़ों के नीचे बैठें, जबकि स्पीकर के सरकारी आवास पर 22 एयर कंडीशनर लगे हुए हैं।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIVE IMAG प्रतीकात्मक फोटो

असम विधानसभा के अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी के बयान को लेकर उनकी जमकर आलोचना हो रही है। दरअसल, असम में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। इसे लेकर असम विधानसभा के अध्यक्ष ने भीषण गर्मी के बीच बढ़ते बिजली के बिलों से बचने के लिए लोगों को सलाह दी है कि वे राहत के लिए पेड़ों के नीचे बैठें, जबकि स्पीकर के सरकारी आवास पर 22 एयर कंडीशनर लगे हुए हैं। 

बताया जा रहा है कि एयर कंडीशनर स्पीकर के पूजाघर, हरेक बेडरूम और सुरक्षाकर्मियों के कमरों में लगे हैं। ऐसे में विपक्ष से लेकर आम जनता ने स्पीकर की इस सलाह की आलोचना की है। असम की जनता का कहना है कि जिस शख्स को अपने घर में 22 एयर कंडीशनर चलाने की आदत है, वह भीषण गर्मी की समस्या को नहीं समझ सकता। 

"दैमारी का बयान उस लिस्ट में लेटेस्ट है"

दैमारी के आधिकारिक आवास के सामने पेड़ों के नीचे बैठे कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायसाथ ने कहा, "एक व्यक्ति जो अपने आवास के हर कोने में एसी का इस्तेमाल करता है, वह लोगों को पेड़ों के नीचे बैठने की सलाह दे रहा है। यह लोगों का घोर उपहास है। मेरा मानना है कि उन्होंने राज्य के नागरिकों का अपमान किया है।" तृणमूल कांग्रेस (TMC) की राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव ने कहा, "सरकार हमेशा लोगों की भलाई के लिए होती है, लेकिन हम जो लगातार देख रहे हैं, वह यह है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता लोगों की भावनाओं का अपमान करने में माहिर हैं। दैमारी का बयान उस लिस्ट में लेटेस्ट है।"

"बिजली के लिए प्राइवेट कंपनियों पर अधिक निर्भरता"

इससे पहले दैमारी ने कहा, "बिजली की दरें बढ़ गई हैं और लोगों को बिजली बचाने के लिए पंखों के अत्यधिक इस्तेमाल से बचना चाहिए। इसके बजाय बढ़ती दरों का मुकाबला करने के लिए सभी को पेड़ों के नीचे बैठना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि असम सरकार के पास उपभोक्ताओं की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त बिजली नहीं है। राज्य बिजली के लिए प्राइवेट कंपनियों पर अधिक निर्भर है। दायमारी ने कहा, "अगर बिजली कंपनियां टैरिफ बढ़ा रही हैं, तो राज्य सरकार को इसे उपभोक्ताओं पर डालना चाहिए और लोगों को भुगतान करना होगा। इसलिए  मेरा मानना है कि बिजली दरों में बढ़ोतरी कोई मुद्दा नहीं है और उपभोक्ताओं को बिलों का भुगतान करना चाहिए।" स्पीकर आलोचना का सामना करने के बावजूद अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने बुधवार को कहा, "मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है। लोग मेरे बयान का गलत मतलब लगा रहे हैं।"

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