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Hindi News भारत राष्ट्रीय Assembly Elections 2022: तमाम समीकरणों पर भारी पड़ा मोदी का करिश्माई व्यक्तित्व, 4 राज्यों में छाई बीजेपी

Assembly Elections 2022: तमाम समीकरणों पर भारी पड़ा मोदी का करिश्माई व्यक्तित्व, 4 राज्यों में छाई बीजेपी

उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मिली बड़ी सफलता के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व का काफी प्रभाव रहा है।

Narendra Modi, Narendra Modi UP Election, UP Election 2022, UP Election 2022 Results- India TV Hindi Image Source : PTI A BJP worker holds a cut-out of Prime Minister Narendra Modi during celebrations at the BJP Headquarters in New Delhi.

Highlights

  • उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अपने मतों में वृद्धि का कीर्तिमान स्थापित किया है।
  • पीएम मोदी का व्यक्तित्व 4 राज्यों में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन के पीछे अहम वजह माना जा रहा है।
  • चुनावी नतीजे बताते हैं कि आज भी मोदी सिर्फ पार्टी ही नहीं बल्कि पूरे देश के सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता हैं।

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने फरवरी-मार्च में 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में 4 राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में शानदार जीत हासिल की है। सिर्फ पंजाब ही एकमात्र ऐसा राज्य रहा जहां बीजेपी कुछ खास नहीं कर पाई और आम आदमी पार्टी ने जबरदस्त जीत दर्ज की। हालांकि यह भी एक तथ्य है कि पंजाब में बीजेपी का कभी कोई बड़ा जनाधार नहीं रहा है और ऐसे में इसी तरह के नतीजों की उम्मीद थी। वहीं, बाकी के 4 राज्यों में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है और इसे मुमकिन बनाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व ने एक बड़ी भूमिक अदा की है।

37 साल बाद किसी पार्टी को लगातार दोबारा मिला पूर्ण बहुमत
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों की बात करें तो सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अपने मतों में वृद्धि का कीर्तिमान स्थापित करने के साथ ही करीब 37 वर्षों बाद लगातार दोबारा पूर्ण बहुमत हासिल किया है। नतीजों को देखते हुए लगता है कि सूबे में इस बड़ी सफलता के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व का काफी प्रभाव रहा है। उत्तर प्रदेश में 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनी सरकार में करीब 5 वर्ष तक मंत्री रहे स्‍वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी ने ऐन चुनाव के मौके पर बीजेपी पर पिछड़ों दलितों की उपेक्षा का आरोप लगाकर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

बीजेपी छोड़कर गए मौर्य और सैनी खुद चुनाव हार गये
बीजेपी छोड़कर इन नेताओं ने समाजवादी पार्टी जॉइन की और अखिलेश यादव के नेतृत्व में पिछड़ों को एकजुट करने की मुहिम शुरू की। हालांकि, मौर्य और सैनी खुद चुनाव हार गये। इसके अलावा, अखिलेश यादव की अगुवाई में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर, जनवादी पार्टी के डॉक्टर संजय चौहान, अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष डॉक्टर कृष्णा पटेल भी बीजेपी की राह रोकने में पूरी ताकत से जुटे थे। हालांकि पीएम मोदी का व्यक्तित्व इन जातीय नेताओं की कोशिशों पर भारी पड़ा और 2017 के मुकाबले थोड़ा-बहुत नुकसान होने के बावजूद बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की।

गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में भी दिखा मोदी का करिश्मा
सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी तमाम बाधाओं के बावजूद बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की। इन राज्यों में भी प्रधानमंत्री की छवि और उनके द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाएं एक बड़ा फैक्टर रही और लोगों ने मोदी को खुलकर अपना समर्थन दिया। खासकर उत्तराखंड जैसे राज्य में, जहां कांग्रेस को सत्ता में वापसी की उम्मीद थी, मोदी की इमेज गेमचेंजर साबित हुई। यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद अपना चुनाव भले ही हार गए लेकिन पार्टी ने एक बड़े बहुमत के साथ जीत दर्ज की। इन राज्यों में बीजेपी की सफलता बताती है कि आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ पार्टी ही नहीं बल्कि पूरे देश के सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता हैं।

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