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Hindi News भारत राष्ट्रीय सर से उठा पिता का साया, बिपिन रावत अपने पीछे छोड़ गए दो बेटियां

सर से उठा पिता का साया, बिपिन रावत अपने पीछे छोड़ गए दो बेटियां

एक का नाम कीर्तिका और दूसरी बेटी का नाम तारिणी है। कीर्तिका की शादी हो चुकी है और वो मुंबई में रहती हैं। तारिणी दिल्ली में रहती हैं और दिल्ली हाई कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही हैं।

<p>मधुलिका रावत अपनी...- India TV Hindi Image Source : TWITTER मधुलिका रावत अपनी दोनों बेटियों के साथ

Highlights

  • एक का नाम कीर्तिका और दूसरी बेटी का नाम तारिणी है।
  • लेकिन दोनों बेटियां जनरल बिपिन रावत की शान थीं।
  • जनरल रावत की पत्नी का नाम मधुलिका था, जो आर्मी वाइफ्लस वेल्फेयर असोसिएशन की अध्यक्ष भी थीं।

नई दिल्ली: अपनी जांबाजी, वीरता, अदम्य साहस के लिए पहचाने जाने वाले  CDS जनरल बिपिन रावत  का तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर हादसे में निधन हो गया। इस हादसे में उनकी पत्नी मधुलिका रावत की भी जान चली गई। बिपिन रावत अपने पीछे दो बैटियों को छोड़ गए हैं।

एक का नाम कीर्तिका और दूसरी बेटी का नाम तारिणी है। कीर्तिका की शादी हो चुकी है और वो मुंबई में रहती हैं। तारिणी दिल्ली में रहती हैं और दिल्ली हाई कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही हैं। वे कीर्तिका से छोटी हैं। सार्वजनिक तौर पर बिपिन रावत की बेटियों के बारे में बेहद कम जानकारी है, लेकिन दोनों बेटियां जनरल बिपिन रावत की शान थीं।

जनरल रावत की पत्नी का नाम मधुलिका था, जो आर्मी वाइफ्लस वेल्फेयर असोसिएशन की अध्यक्ष भी थीं। वह मध्य प्रदेश के शहडोल की रहने वाली थीं और दिवंगत राजनेता मृगेंद्र सिंह की बेटी थीं। मधुलिका रावत ने अपनी शिक्षा दिल्ली यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी में की। AWAA के अलावा वह कई तरह से सोशल वर्क के अलावा कैंसर पीड़ितों के लिए काम करती थीं।

बिपन रावत मूलत: उत्तराखंड के रहने वाले थे उनका जन्म पौड़ी में 16 मार्च 1958 को हुआ था। रावत का परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में अपनी सेवा दे रहा है। उनके पिता लक्ष्मण सिंह लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हो चुके हैं।  वहीं उनकी मां प्रदेश के उत्तकांशी की रहने वाली हैं, जो पूर्व विधायक किशन सिंह परमार के बेटी भी हैं।

बिपिन रावत, सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला, और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकसला के स्टूडेंट रह चुके हैं। दिसंबर 1978 में बिपिन रावत भारतीय सेना में शामिल हुए थे। 17 दिसंबर 2016 को जनरल दलबीर सिंह सुहाग के बाद रावत ने 27वें सेनाध्यक्ष के रूप में कमान संभाली थी, फिर वह सीडीएस यानि तीनों सेनाओं के प्रमुख बने। 

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