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Hindi News भारत राष्ट्रीय अब इस नेता ने उठाई किन्नरों के आरक्षण की मांग, कहा- किन्नर आयोग भी बनाया जाए

अब इस नेता ने उठाई किन्नरों के आरक्षण की मांग, कहा- किन्नर आयोग भी बनाया जाए

मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में अखिल भारतीय किन्नर सम्मेलन में जुटे किन्नरों ने न सिर्फ आरक्षण की मांग उठाई है, बल्कि उन्होंने सरकार से अपने लिए एक आयोग भी बनाने की मांग की है।

transgender Reservation, transgender Commission, Heera Nayak- India TV Hindi Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL IMAGE किन्नरों ने काफी जोर-शोर से आरक्षण की मांग उठाई है।

नरसिंहपुर: अलग-अलग वर्गों द्वारा आरक्षण की मांग के बीच अब किन्नरों ने भी खुद के लिए आरक्षण मांगा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में जमा हुए देश के अलग-अलग हिस्सों के किन्नरों ने राजनीतिक दलों की सरकारों के प्रति अपनी नाखुशी जाहिर की है। यहां पहुंचे किन्नरों की मांग है कि किन्नरों का आयोग बने, और समाज के अन्य अलग-अलग कमजोर वर्गों की तरह उन्हें भी आरक्षण दिया जाए। किन्नरों का कहना है कि सरकार उनकी तरफ ध्यान नहीं देती जबकि समाज हमेशा उनके साथ सहयोग करता रहा है।

‘हम किन्नर आयोग की मांग करते हैं’
सूबे के नरसिंहपुर के किन्नर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंची जबलपुर की पूर्व पार्षद एवं किन्नर समाज की पंच हीरा नायक ने कहा कि सरकारें वादाखिलाफी करती हैं, चाहे वह मध्य प्रदेश की सरकार हो या केंद्र की। हीरा नायक ने कहा कि उन्हें मालूम है कि किन्नर समाज तेजी से आगे बढ़ रहा है और इस समाज में भी काफी कुछ पढ़े-लिखे लोग हैं। उन्होंने काह, ‘कोई जज बन रहा है, कोई वकील बन रहा है, कोई शिक्षक। हमें सरकार से सिर्फ धोखा, छल-कपट और वादाखिलाफी मिली है। हम किन्नरों के कल्याण के लिए आयोग या बोर्ड बनाए जाने की मांग करते हैं।’ उन्होंने किन्नरों के लिए आरक्षण की भी मांग की।

नरसिंहपुर में जुटे थे 800 से ज्यादा किन्नर
नरसिंहपुर में हुए अखिल भारतीय सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों के कई हिस्सों से 800 से ज्यादा किन्नर हिस्सा लेने पहुंचे। जबलपुर में एक वॉर्ड से 2001 से 2005 तक पार्षद रहीं हीरा का कहना है कि सदन में उनकी मांग रही है कि किन्नरों के आवास के लिए जगह सुनिश्चित कर दी जाए, वह भी उपलब्ध नहीं कराई गई। हीरा ने कहा, ‘किन्नर समाज भारत के अर्द्धनारीश्वर हैं। समाज में कुछ लोग पढे़-लिखे हैं तो बहुत से निरक्षर। समाज के प्रतिभाशाली लोग महामंडलेश्वर बन गए, जूना अखाडे़ से जुड़ गए, समाज के लिए दुआ करते हैं पर उनकी तरफ सरकार ध्यान नहीं देती जबकि समाज का हमेशा सहयोग रहा है।’ (IANS)

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